Site icon 24 GhanteOnline | News in Hindi | Latest हिंदी न्यूज़

दूसरे धर्म का आदर…

Respect for other religions

Respect for other religions

देहारादून। 1816 के बाद गढ़वाल के दूसरे अंग्रेज कमिश्नर सर जार्ज  विलियम ट्रेल (William Trail) को यह श्रेय जाता है कि उन्होंने बद्रीनाथ (Badrinath) आने वाले श्रद्धालुओं के लिए छह फुट पक्की सड़क स्वयं अपने निर्देशन में सड़क पर खुद खड़े होकर ही बनवायी ।

सड़क बनाते- बनाते ट्रेल (William Trail) जब बद्रीनाथ (Badrinath) पहुंचे तो उन्होंने अपने साथ चल रहे एक पटवारी से मंदिर में भगवान के दर्शन करने की इच्छा व्यक्त की. वह पटवारी ब्राह्मण था और उसी क्षेत्र का रहने वाला था, पटवारी डरते-डरते बोला.. ‘हुजूर हिन्दू परम्परानुसार आप मन्दिर में नहीं जा सकते हैं क्योंकि आप ईसाई हैं , हाँ इतना अवश्य है कि आप मन्दिर के बाहर खड़े होकर भगवान के प्रति अपनी श्रद्धा  व्यक्त कर सकते हैं।

ट्रेल (William Trail) उस वक्त वापिस लौट गये, दूसरी यात्रा में उन्होंनेे मंदिर में एक बड़ा सा आईना लगवा दिया, उस आईने से कोई भी भगवान बद्रीनाथजी के दर्शन कर सकता था, ट्रेल मन्दिर के बाहर रुके , जूते उतारे, आईने में से भगवान बद्रीनाथ के दर्शन किये। बाद में  तमाम गोरे अफसर या यात्री मन्दिर में लगे इसी आईने से भगवान के दर्शन करते रहे। ट्रेल समेत तमाम गोरे अफसर चाहते तो उस समय इस नियम को बदल सकते थे, परन्तु उन्होंने ऐसा नहीं किया और सर्वधर्म सद्भाव (Respect for other religions) की रक्षा की ।

कुदरत ने किया बद्रीनाथ धाम का अद्भुत श्रंगार, तस्वीर देखकर हो जाएंगे मंत्रमुग्ध

ट्रेल देश के इस दुर्गम हिमालयी-क्षेत्र  के प्रारम्भिक विकास के मूल संस्थापक थे। उन्होंने बद्रीनाथ धाम आने वाले श्रद्धालुओं व तीर्थयात्रियों की सुविधाओं के लिए सड़क के आसपास के गांव सदावर्ती बनवाए, रास्ते में चट्टियां, धर्मशालाएं और कई छोटे अस्पताल भी बनवाये। जहां हिन्दू  श्रद्धालुओं तथा  तीर्थयात्रियों के लिए निःशुल्क भोजन और  इलाज की चौबीस घन्टे व्यवस्था रहती थी, एवं श्रद्धालुओं तथा तीर्थयात्रियों के रूकने की व्यवस्था भी निःशुल्क थी……..!!  चारधाम-यात्रा पर आने वाले श्रद्धालु तथा तीर्थयात्री तब उपभोक्ता नहीं समझे जाते थे, चारधाम व्यवसायिक-तीर्थाटन  नहीं था, सुनकर-पढ़कर-लिखकर कितना अजूबा लगता है आज के परिप्रेक्ष्य-परिवेश में बिल्कुल भलमनसाहत के अन्तिम सोपान जैसे।

चन्द्रशेखर पण्डित भुवनेश्वर दयाल उपाध्याय (CS upadhyay) ,न्यायविद् ।

हिन्दी माध्यम से एल-एल. एम् उत्तीर्ण करने वाले प्रथम भारतीय छात्र ।

नेतृत्व-पुरुष ‘हिन्दी से न्याय ‘ (Hindi se Nyay) देशव्यापी-अभियान ।

न्यायिक क्षेत्र के सबसे प्रतिष्ठित पुरस्कार न्याय-मित्र से पुरस्कृत न्यायाधीश ।

हरीश रावत पर निजी-हमलों की बजाय अपनी नाकामियों पर क्षमा मांगे भाजपा : चन्द्रशेखर उपाध्याय

 

Exit mobile version