प्रयागराज| केंद्रीय प्रशासनिक अधिकरण (कैट) ने रेलवे ग्रुप डी भर्ती में सिर्फ हस्ताक्षर का मिलान न होने पर अभ्यर्थी को हमेशा के लिए रेलवे भर्ती से डिबार करने पर रेलवे भर्ती बोर्ड से जवाब मांगा है। साथ ही पूरी भर्ती प्रक्रिया की जानकारी मांगी है है। यह आदेश कैट की न्यायिक सदस्य न्यायमूर्ति विजयलक्ष्मी एवं प्रशासनिक सदस्य आनंद माथुर की खंडपीठ ने धीरज कुमार की याचिका पर दिया है।
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अधिवक्ता सीमांत सिंह के अनुसार याची ने 2018 में ग्रुप डी के 1686 पदों के विज्ञापन के तहत आवेदन किया था। विभिन्न चरणों की परीक्षाओं में सफल होने के बाद अंतिम चयन सूची में उसका नाम था। दस्तावेजों के सत्यापन के लिए गोरखपुर बुलाया गया। वहां उसका हस्ताक्षर लिया गया और कुछ लाइन लिखवाई गईं। उसका हस्ताक्षर व लिखावट परीक्षा के दौरान लिए गए हस्ताक्षर व लिखावट से मेल न खाने के कारण रेलवे भर्ती बोर्ड ने उसे हमेशा के लिए अयोग्य करार देते हुए रेलवे की भर्ती के लिए डिबार कर दिया।
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अधिवक्ता का कहना था कि परीक्षा के प्रत्येक चरण में याची की फोटो खींची गई और अंगूठा निशान लिया गया। इसके बावजूद न तो फोटो का मिलान किया गया और न ही अंगूठा निशान मिलाया गया। हस्ताक्षर व लिखावट में अंतर आ सकता है लेकिन बायोमीट्रिक मशीन में अंगूठा निशान नहीं बदला जा सकता। याची के अंगूठे के मिलान से यह साबित हो जाएगा कि उसने परीक्षा दी है।