मंदिर से लेकर घर और सभी धार्मिक अनुष्ठान या विशेष पूजा-पाठ के दौरान घंटी ज़रूर बजाई जाती है. हिंदू धर्म में पूजा के दौरान घंटी बजाने की परंपरा काफी पुरानी है. घंटी बजाने से देवी-देवता प्रसन्न होते हैं और इससे पूजा सफल होती है.
पूजा में प्रयोग की जाने वाली घंटी कई प्रकार की होती है. जैसे गरुड़ घंटी ( Garuda bell) , द्वार घंटी, हाथ घंटी और घंटा, लेकिन सभी घंटियों में पूजा के लिए गरुड़ घंटी को खास माना जाता है.
गरुड़ घंटी ( Garuda bell) बजाने से देवी-देवता तो प्रसन्न होते ही हैं, लेकिन इससे घर का वास्तु दोष भी दूर होता है और सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है. दिल्ली के आचार्य गुरमीत सिंह जी से जानते हैं गरुड़ घंटी के फायदे और महत्व के बारे में.
गरुड़ घंटी ( Garuda bell) के फायदे
– घर पर पूजा के बाद गरुड़ घंटी बजाने से परिवार के लोगों के बीच आपसी प्रेम बना रहता है और घर से कलह-क्लेश की स्थिति दूर होती है.
-स्कंद पुराण के अनुसार घंटी बजाने से मनुष्य के पापों का नाश होता है.
-जिस घर पर प्रतिदिन गरुड़ घंटी बजती है वहां धन-वैभव की देवी मां लक्ष्मी का वास होता है.
-श्रीहरि विष्णु की नियमित पूजा में गरुड़ चिह्न वाली घंटी बजाने से भगवान प्रसन्न होते हैं.
-सुबह और संध्या की पूजा में गरुड़ घंटी बजाने का नियम है. इससे समृद्धि के द्वार खुलते हैं.
गरुड़ घंटी ( Garuda bell) का महत्व
सभी घंटियों में गरुड़ घंटी छोटी होती है, जिसे एक हाथ से बजाया जा सकता है. धार्मिक दृष्टिकोण से गरुड़ घंटी का काफी महत्व होत है. विष्णु भगवान की पूजा और आरती दौरान गरुड़ चिह्न वाली घंटी बजाने वाले व्यक्ति को चंद्रायण व्रत के समान फल की प्राप्ति होती है. इस घंटी का प्रयोग पूजा में करने से व्यक्ति को पापों से मुक्ति भी मिलती है. हिंदू धर्म में सभी घंटियों में गरुड़ घंटी का काफी महत्व होता है, इसलिए सुबह-शाम की पूजा में गरुड़ घंटी ज़रूर बजानी चाहिए.