नई दिल्ली। भारत और इंग्लैंड के बीच एजबेस्टन में खेले जा रहे टेस्ट में ऋषभ पंत (Rishabh Pant) ने इतिहास रच दिया है। उन्होंने 89 गेंदों पर शतक लगाया और टीम इंडिया को मुश्किल परिस्थितियों से उबारा। एक वक्त भारत ने 98 रन पर पांच विकेट गंवा दिए थे। इसके बाद पंत ने रवींद्र जडेजा के साथ मिलकर शतकीय साझेदारी कर डाली। सिर्फ इतना ही नहीं, पंत ने 89 गेंदों पर शतक लगाकर कई रिकॉर्ड भी अपने नाम कर लिए।
पंत (Rishabh Pant) के टेस्ट करियर का पांचवां शतक
यह पंत (Rishabh Pant) के टेस्ट करियर का पांचवां शतक रहा। वहीं, इंग्लैंड के खिलाफ यह उनका तीसरा शतक रहा। इंग्लैंड के खिलाफ इंग्लैंड में यह पंत का दूसरा शतक है। इंग्लैंड में पंत ने पिछला शतक 2018 में केनिंग्टन ओवल में लगाया था। तब उन्होंने 114 रन की पारी खेली थी।
वह इंग्लैंड में दो शतक लगाने वाले पहले विपक्षी टीम के विकेटकीपर बन गए हैं। पंत ने अपने 31 टेस्ट में से सिर्फ आठ टेस्ट भारत में खेले हैं। बाकी टेस्ट उन्होंने विदेशी जमीन पर ही खेले हैं। अपने पांच टेस्ट शतकों में से पंत ने चार शतक विदेशी जमीन पर ही लगाए हैं।
पंत ने 89 गेंदों पर शतक लगाया। यह एजबेस्टन के मैदान पर सबसे तेज शतक है। एजबेस्टन में 1902 से क्रिकेट खेला जा रहा है और वहां किसी भी बल्लेबाज ने 100 से कम बॉल में सेंचुरी नहीं लगाई है। ऐसे में पंत पिछले 120 साल में यह कमाल करने वाले दुनिया के पहले क्रिकेटर बन गए।
पंत जब 80 रन पर थे, तो उन्होंने टेस्ट में अपने 2000 रन भी पूरे किए थे। वे ऐसा करने वाले भारत के चौथे विकेटकीपर बल्लेबाज बने। उनसे पहले महेंद्र सिंह धोनी, सैयद किरमानी, फारुख इंजीनियर टेस्ट में दो हजार रन बना चुके हैं। धोनी ने अपने टेस्ट करियर में 4876 रन बनाए। हालांकि, पंत टेस्ट में दो हजार रन पूरे करने वाले दुनिया के सबसे युवा विकेटकीपर बल्लेबाज बन गए।
पंत ने टेस्ट में सबसे तेज शतक के मामले में भारत के पूर्व विकेटकीपर बल्लेबाज और कप्तान एमएस धोनी का 17 साल पुराना रिकॉर्ड भी तोड़ दिया। धोनी ने 2005 में पाकिस्तान के खिलाफ 93 गेंदों पर शतक लगाया था। पंत ने 89 गेंदों पर शतक लगाकर यह रिकॉर्ड तोड़ दिया।
पंत विपक्षी टीम से इंग्लैंड में दो शतक लगाने वाले पहले विकेटकीपर बल्लेबाज हैं। इससे पहले 14 दूसरे विकेटकीपर बल्लेबाजों ने इंग्लैंड की जमीन पर सिर्फ एक-एक सेंचुरी लगाए हैं। पंत एजबेस्टन में सेंचुरी लगाने वाले तीसरे भारतीय बल्लेबाज भी बने। इससे पहले सचिन तेंदुलकर और विराट कोहली ने ऐसा किया था।