Site icon 24 GhanteOnline | News in Hindi | Latest हिंदी न्यूज़

बिहार में बारिश के बीच नदियां उफान पर, टूट रहे बांध, सड़क संपर्क भंग, रेल ट्रैक पर भी पानी

बिहार में बाढ़

बिहार में बाढ़

पटना। बिहार में बारिश के बीच नदियां उफान पर हैं बाढ़ का कहर बढ़ता जा रहा है। सैकड़ों गांव बाढ़ की चपेट में हैं। खेतों में लगी फसलें डूब गई हैं। हजारों लोग विस्‍थापित हो चुके हैं। लोगों का निचले इलाकों से सुरक्षित जगहों पर जाना लगातार जारी है। पशुओं के चारे का भी संकट खड़ा हो गया है। तटबंधों पर पानी के भारी दबाव के बीच बांध टूट रहे हैं। गोपालगंज में रिंग बांध टूटने से मुख्‍य तटबंध पर खतरा मंडराने लगा है। गोपालगंज को बेतिया से जोड़ने वाले गंडक नदी के जादोपुर-मंगलपुर महासेतु का संपर्क पथ ध्वस्त हो गया है। सीतामढ़ी व पूर्वी चंपारण सड़क संपर्क भंग हो गया है तो जमुई में रेल ट्रैक पर पानी चढ़ गया है। इस बीच बीते 24 घंटे के दौरान बाढ़ के पानी में डूबने से 16 लोगों की मौत हो गई है।

5 अगस्त को रखी जाएगी राम मंदिर की आधारशिला, नागपुर के RSS मुख्यालय की मिट्टी से होगा भूमिपूजन

गुरुवार की रात गोपालगंज जिले के बरौली में देवापुर तथा सिधवलिया के सिकटिया में गंडक नदी के पानी के दबाव से रिंग बांध टूट गया। रिंग बांध टूटने से गंडक नदी का पानी तेजी से सारण मुख्य तटबंध को ओर बढ़ रहा है। जिससे देवापुर तथा सिकटिया में सारण मुख्य तटबंध पर खतरा मंडराने लगा है।

गोपालगंज से बेतिया को जोडऩे के लिए गंडक नदी पर बनाए गए जादोपुर-मंगलपुर महासेतु का संपर्क पथ गुरुवार को ध्वस्त हो गया। जिले के सदर प्रखंड के राजवाही बीन टोली गांव के समीप सुबह गंडक के दबाव से सड़क टूटने के कारण महासेतु पर आवागमन ठप हो गया है। जादोपुर- मंगलपुर महासेतु का उद्घाटन 2015 में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार तथा तत्कालीन उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने किया था। सारण जिले में गंडक का जलस्तर बढऩे से पानापुर, तरैया व परसा प्रखंड के दो दर्जन गांव बाढ़ के पानी से घिर चुके हैं।

पश्चिम चंपारण में बेतिया-गोपालगंज मार्ग पर पुल का एप्रोच रोड धंसने से आवागमन ठप है। पूर्वी चंपारण के सुगौली प्रखंड के कैथवलिया में सिकरहना नदी का रिंग बांध टूट गया है। इससे नए क्षेत्रों में पानी फैल रहा है। मधुबनी में मधवापुर-पुपरी सड़क पर पानी चढ़ा है। समस्तीपुर के निचले क्षेत्र में परेशानी है। सीतामढ़ी में बागमती, अधवारा और लालबकेया, झीम, रातो और मरहा उफान पर है। गणेशपुर लचका के पास एनएच पर पानी चढऩे से पूर्वी चंपारण का संपर्क भंग हो गया है। शिवहर के बेलवा घाट के पास के गांवों के लोग ऊंचे स्थानों पर हैं। मुजफ्फरपुर जिले के औराई व कटरा में स्थिति यथावत है।

कोरोना का कहर: ब्रिटेन की सुपरमार्केट में अब मास्क लगाना किया गया अनिवार्य

वहीं पूर्व बिहार, कोसी और सीमांचल में भी बारिश के बाद नदियां उफान पर हैं। जमुई में रेल ट्रैक पर आंजन नदी का पानी बह रहा है। कटिहार में गंगा-महानंदा और खगडिय़ा में कोसी-बागमती खतरे के निशान से ऊपर बह रही हैं। सुपौल की सूचना के अनुसार कोसी नदी नेपाल प्रभाग के दो स्परों पर लगातार दबाव बनाए हुए है। मधेपुरा में कोसी व सुरसर के जलस्तर में बढ़ोतरी से कई गांवों में पानी पहुंच चुका है। किशनगंज में महानंदा, मेंची, कनकई, डोक व अन्य नदियों के जलस्तर में कमी आने से नदी के निचले इलाके में बसे लोगों को राहत मिली है। जलस्तर घटने से नदी कटाव तेज हो गया है। पूर्णिया में महानंदा का जलस्तर खतरे के निशान से करीब एक मीटर ऊपर है। इसमें गिरावट दर्ज की जा रही है।

Exit mobile version