बिहार के उप मुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने सीटों के बंटवारे में अनदेखी से नाराज विकासशील इंसान पार्टी (वीआईपी) के महागठबंधन छोड़ने को लेकर निशाना साधते हुए कहा कि इससे साफ हो गया है कि इस गठबंधन में दलितों, पिछड़ों और अतिपिछड़ों के लिए कोई जगह नहीं है।
भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के वरिष्ठ नेता श्री मोदी ने रविवार को ट्वीट किया, “ महागठबंधन में सीटों बंटवारे से साफ है कि वहां दलितों-पिछड़ों-अतिपिछड़ों के लिए कोई जगह नहीं है। राष्ट्रीय जनता दल (राजद) ने अपने जैसी भ्रष्ट और वंशवादी पार्टी कांग्रेस को सबसे बड़ा हिस्सा दिया।
श्री मोदी ने कहा कि महागठबंधन में राजद और कांग्रेस को देने के बाद बची सीटें उन वामदलों को जंगलराज के समर्थन की वफादारी निभाने के बदले मिलीं। ये वहीं हैं, जो बिहार में किसान के खेत जलाते रहे, जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) में भारत तोड़ने के नारे लगाते रहे और अतिक्रमणकारी चीन को लाल सलाम भेजते रहे।”
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श्री मोदी ने आरोप लगाते हुए कहा कि पटना में 74 लाख रुपये के साथ राजद नेता की गाड़ी पकड़ी गयी। पूर्णिया में विधानसभा चुनाव का टिकट पाने के लिए पैसे देने के बावजूद एक राजद कार्यकर्ता की हत्या हो गई। उन्होंने कहा कि राजद अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव ने पार्टी को जो संस्कार दिये हैं, वही साफ दिख रहा है। वीआईपी के अध्यक्ष मुकेश सहनी को देर से पता चला कि राजद टिकट बेचने की दुकान है।
गौरतलब है कि महागठबंधन ने शनिवार को की गई सीटों की घोषणा में राजद को 144, कांग्रेस को 70 और वामदलों को 29 सीटें दी हैं लेकिन लंबे समय से साथ रह एक अन्य घटक वीआईपी को दी जाने वाली सीटों की चर्चा तक नहीं की । इससे नाराज वीआईपी के अध्यक्ष मुकेश सहनी ने महागठबंधन से न केवल नाता तोड़ा बल्कि बिहार की सभी 243 विधानसभा सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारने की घोषणा भी कर दी।
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भाजपा नेता ने एक अन्य ट्वीट में महागठबंधन के घटक कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा कि कांग्रेस अब डाॅ. राजेंद्र प्रसाद, सरदार वल्लभ भाई पटेल और जगजीवन राम की पार्टी नहीं रही। वह राहुल गांधी को प्रधानमंत्री और तेजस्वी प्रसाद यादव को मुख्यमंत्री बनवाने के लिए काम करने वाली जनसंपर्क (पीआर) कंपनी बन कर रह गई है। इस पीआर कंपनी का खर्चा, चीनी चंदे और मनी लॉन्ड्रिंग से लेकर टिकट बेचने तक के कामों से चलता है।