बरेली। उत्तर प्रदेश के बरेली में क्षेत्रीय प्रबंधक परिवहन निगम कार्यालय में अनुबंधित बस का परमिट जारी करने के नाम पर दस हजार रुपये की रिश्वत (Bribe) लेते संबंधित लिपिक रंगे हाथ धरा गया है। थाना सुभाषनगर में उसके खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के आरोप में मुकदमा दर्ज किया गया है।
पुलिस सूत्रों ने गुरूवार को बताया कि बरेली-शाहजहांपुर-फर्रुखाबाद मार्ग पर बस संचालन के लिये परिवहन निगम बरेली से अनुबंधन परमिट लेने को शाहजहांपुर जिला में कोतवाली क्षेत्र स्थित रंगीन चौपाल निवासी शाहनवाज खान ने आवेदन किया था।
आरोप है कि अनुबंध परमिट देने के नाम पर क्षेत्रीय कार्यालय परिवहन निगम बरेली में कार्यरत संबंधित लिपिक जगमोहन यादव ने इसके बदले में दस हजार रुपये मांगे थे। प्रभावित आवेदक ने मामले की शिकायत 22 मई को एंटी करप्शन सीओ श्याम बहादुर सिंह से की थी।
श्याम बहादुर सिंह ने बताया कि 22 मई को सूचना मिलने के बाद उन्होंने डीएम शिवाकांत द्विवेदी से निवेदन कर दो गवाह लिए थे। इसके बाद इंस्पेक्टर प्रवीण कुमार, इश्तियाक अहमद, देवेंद्र सिंह, मोहम्मद इमरान, विनोद वर्मा, अवनीत कुमार, पवन कुमार और हरकेश कुमार की टीम का गठन किया। गुरुवार को शाहनवाज खान परिवहन निगम क्षेत्रीय कार्यालय बरेली पहुंचे। जैसे ही 10 हजार रुपये रिश्वत बाबू जगमोहन यादव को दी। उसे रंगे हाथ पकड़ लिया।
एंटी करप्शन टीम ने लिपिक जगमोहन यादव निवासी सिद्धार्थ नगर कॉलोनी के खिलाफ थाना सुभाषनगर में भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम में मुकदमा दर्ज कराया गया है। विवेचना एंटी करप्शन इंस्पेक्टर रामलाल पांडे करेंगे।