नागपुर। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Modi) ने नागपुर में माधव नेत्रालय प्रीमियम सेंटर की आधारशिला रखी। इस दौरान उन्होंने संबोधित करते हुए कहा कि जहां सेवा है वहां स्वयंसेवक है। सेवा संस्कार और साधना स्वयंसेवकों को प्रेरित करती हैं। गुलामी के कालखंड में संघ संस्थापकों ने नए विचार दिए। आरएसएस भारत की अमर संस्कृति का अक्षय वट है। ये अक्षय वट भारतीय चेतना को उर्जावान बना रहा है। उन्होंने कहा कि आरएसएस के गौरव शाली यात्रा के 100 वर्ष पूरे हो रहे हैं। आज मैने हेडगवार साहब और गुरुजी को नमन किया।
पीएम मोदी (PM Modi) ने कहा कि अगले साल बाबा साहब की जयंती भी है उनको भी नमन किया। नागपुर में हम सेवा के तीर्थ के रूप में माधव नेत्रालय की स्थापना हो रही है। माधव नेत्रालय एक ऐसा संस्थान है जो अनेक दशकों से लाखों लोगों की सेवा कर रहा है। आज नए परिसर का शिलान्यास हो रहा है। अब सेवा कार्य को और गति मिलेगी। मैं सेवा कार्य के लिए माधव नेत्रालय से जुड़े सभी लोगों की सराहना करता हूं और शुभकामनाएं देता हूं। पीएम मोदी ने कहा कि लाल किले से मैने सबके प्रयास की बात कही थी। आज स्वस्थ के क्षेत्र में माधव नेत्रालय उस प्रयास को बढ़ा रहा है। गरीब और बुजुर्गों को इलाज की चिंता सताती न रहे। आयुष्मान भारत के चलते करोड़ो लोगों को मुफ्त सुविधा दे रही है।
RSS भारत की अमर संस्कृति का अक्षय वट
आज भारत का सम्मान बढ़ रहा है। सैकड़ों वर्षों की गुलामी इतने आक्रमण हमें मिटाने की उतनी क्रूर कोशिश हुई लेकिन हमारी चेतना कभी समाप्त नहीं हुई। उसकी लौ जलती रही। इस चेतना को जागृत रखने के लिए समय समय पर आंदोलन होते रहे। भक्ति आंदोलन उसी में से एक है। हमारे संतों ने हमारी राष्ट्रीय चेतना को एक नई ऊर्जा दी। स्वामी विवेकानंद ने निराशा में डूब रहे समाज को झंकझोरा और आशा का संचार किया। गुलामी के कालखंड में डॉक्टर साहब और गुरुजी ने नया विचार दिया। आज महान बटवृक्ष के रूप में RSS दुनिया के सामने हैं। ये कोई साधारण बटवृक्ष नहीं बल्कि भारत की अमर संस्कृति का अक्षयवट है।
आरएसएस भी एक ऐसा संस्कार यज्ञ है जो अंतर्दृष्टि और बाह्यदृष्टि दोनों के लिए काम कर रहा है। बाह्य दृष्टि ने माधव नेत्रालय को जन्म दिया है तो अंतदृष्टि ने संघ को सेवा का प्रयाय बना दिया है। ये सेवा संस्कार और साधना पीढ़ी दर पीढ़ी हरेक स्वयंसेवक को प्रेरित करती है। उसको गतिमान रखती है। उसको कभी थकने नहीं देती। उसको कभी रुकने नहीं देती।
गुरुजी संघ को प्रकाश से तुलना की थी
प्रधानमंत्री (PM Modi) ने कहा कि पूज्य गुरुजी कहते थे कि जीवन के अवधि पर नहीं बल्कि उसकी उपयोगिता पर ध्यान देना है। हमने कुंभ में देखा कैसे हमारे कार्यकर्ता ने काम किया। जहां सेवा वहां स्वयंसेवक। हमारे हृदय में सेवा है। गुरुजी से किसी ने पूछा संघ सर्व व्यापी क्यों है? उन्होंने तब संघ को प्रकाश से तुलना की। गुरुजी की सिख हमारे लिए जीवन मंत्र है। उनके भाव को हम जीते रहे। अहम नहीं वयम। मैं नहीं हम लोग।
पीएम मोदी (PM Modi) ने कहा कि विकसित भारत के लिए सबसे जरूरी है कि हम उन बेड़ियों को तोड़े जिसमें देश उलझा हुआ है। आज भारत गुलामी की मानसिकता को छोड़कर आगे बढ़ रहा है। अब राष्ट्रीय गौरव के नए अध्याय लिखे जा रहे हैं। अंग्रेजी कानून जो हमें नीचे दिखाने के लिए बना था उसको बदल दिया है। हमारे यहां राजपथ नहीं बल्कि कर्तव्यपथ है। अंडमान में जहां सावरकर ने यातनाएं सही उनका नाम अब आजादी के नायकों के याद में रखा गया है।
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प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि वसुधैव कुटुंबकम अब दुनिया ज्यादा ढंग से महसूस कर रही है। कोविड वैक्सीन हॉबी दुनिया में कही भी आपदा भारत आगे बढ़कर सेवा देता है। कल ही जब भूकंप आया हम ऑपरेशन ब्रह्म चलाकर सबसे पहले पहुंच गए। दुनिया देख रही है भारत आज प्रगति कर रहा है और पूरे ग्लोबल साउथ की आवाज भी बन रहा है। हमारा युवा स्टार्टअप के जरिए आज अपना परचम लहरा रहा है।
संघ की इतने वर्षों की तपस्या फलीभूत हो रहा है। विकसित भारत की परिकल्पना मूर्त रूप ले रहा है। आज संघ की सौ वर्षों को यात्रा के बाद देश एक अहम पड़ाव पर है। 2025 से 2047 तक एक बड़ा लक्ष्य हमारे सामने हैं। हमें विकसित भारत के सपने साकार करना है। अयोध्या में हमने कहा था हमें अगले 1000 वर्ष के भारत का लक्ष्य रखना है। हमें विश्वास है पूज्य हेडगवार साहब और गुरुजी की स्मृतियां हमे ताकत देगा।