नई दिल्ली। भारत में आरटीजीएस प्रणाली 14 दिसंबर से पूरे समय काम करने वाली प्रणाली बन जाएगी। भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने अक्टूबर में आरटीजीएस प्रणाली को 24 घंटे काम करने वाली प्रणाली बनाने की घोषणा की थी। बता दें कि एईएफटी (NEFT) की सुविधा पहले से ही 24*7 उपलब्ध है। देश के करीब 237 बैंक इस प्रणाली के माध्यम से 4.17 लाख करोड़ रुपये के लेनदेन को प्रतिदिन पूरा करते हैं।
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नवंबर में आरटीजीएस से औसत 57.96 लाख रुपये का लेनदेन किया गया, जो इसे वास्तव में बड़ी राशि के लेनदेन का एक उपयोगी विकल्प बनाता है। देश में रियल टाइम ग्रॉस सेटलमेंट सिस्टम की सुविधा आज रात 12 बजकर 30 मिनट से प्रति दिन चौबीसो घंटे काम करने लगेगी। इससे डिजिटल लेनदेन करने वाले लोगों को काफी सुविधा हो जाएगी।
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इसके साथ ही भारत उन चुनिंदा देशों में शामिल हो जाएगा, जहां यह सुविधा दिन-रात काम करती है। भारतीय रिज़र्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास ने ट्वीट कर यह जानकारी दी है। दास ने अपने ट्वीट में इस उपलब्धि के लिए आरबीआई, आईएफटीएएस और सर्विस पार्टनर्स की टीम्स को बधाई दी।
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आरटीजीएस बड़ी राशि के इलेक्ट्रॉनिक लेनदेन में काम आने वाली प्रणाली है। जबकि एनईएफटी से दो लाख रुपये तक का ही ऑनलाइन लेनदेन किया जा सकता है। आरटीजीएस की शुरुआत 26 मार्च 2004 को हुई थी। तब सिर्फ चार बैंक ही इससे भुगतान की सुविधा देते थे। वर्तमान में आरटीजीएस से रोजाना 6.35 लाख लेनदेन होते हैं।