नई दिल्ली। सरकार ने एक वित्त वर्ष में 20 लाख रुपये (Cash) से अधिक की राशि जमा करने या निकालने के साथ ही चालू खाता खोलने के लिए आधार या स्थायी खाता संख्या (PAN) को अनिवार्य कर दिया है। केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (CBDT) ने एक अधिसूचना में कहा कि एक वित्त वर्ष में बैंकों (bank) से बड़ी राशि का लेनदेन करने के लिए पैन नंबर की जानकारी देना या आधार की बायोमीट्रिक पुष्टि करना अनिवार्य होगा। इसके अलावा किसी बैंक या डाकघर में चालू खाता या कैश क्रेडिट खाता खोलने के लिए भी यह जरूरी होगा।
क्या कहते हैं जानकार?
CBDT ने इनकम टैक्स (15वां संशोधन) रूल्स, 2022 के तहत नए नियम तैयार किए हैं। यह अधिसूचना 10 मई 2022 को जारी की गई है। ग्राहकों पर ये नए नियम 26 मई से लागू होंगे। एकेएम ग्लोबल के कर साझेदार संदीप सहगल ने इस कदम से वित्तीय लेनदेन में अधिक पारदर्शिता आने की उम्मीद जताते हुए कहा कि इसकी वजह से बैंक, डाकघर या सहकारी समितियों को एक वित्त वर्ष में 20 लाख रुपये से अधिक के लेनदेन की जानकारी देना अनिवार्य होगा।
अपनी लाड़ली के नाम खुलवाए बैंक अकाउंट, शादी के समय मिलेंगे इतने लाख रुपए
सहगल ने कहा, ‘‘इससे वित्तीय प्रणाली में नकदी के आवागमन पर नजर रखने में सरकार को मदद मिलेगी। इससे संदिग्ध नकद जमा एवं निकासी से जुड़ी प्रक्रिया में सख्ती आएगी।’’
फिलहाल आयकर से जुड़े कार्यों के लिए आधार या पैन का इस्तेमाल होता है। आयकर विभाग से जुड़े सभी तरह के कामकाज में पैन नंबर देना जरूरी होता है। लेकिन बड़ी नकद राशि के लेनदेन के समय अगर किसी व्यक्ति के पास पैन नहीं है तो वह आधार का इस्तेमाल कर सकता है।
यूपी समेत इन शहरों में कल बंद रहेंगे बैंक, जानें वजह
क्या है नियम?
नियमों के मुताबिक, अगर किसी व्यक्ति को पैन की जानकारी देने की जरूरत है, लेकिन उसके पास पैन नहीं है तो वह आधार की बायोमीट्रिक पहचान दे सकता है। नांगिया एंड कंपनी के साझेदार शैलेश कुमार ने कहा कि लेनदेन के समय पैन नंबर दिए जाने के बाद कर अधिकारियों के लिए लेनदेन पर नजर रख पाना आसान हो जाएगा।