रत्न ज्योतिष में माणिक्य (Ruby) को सूर्य का रत्न माना गया है। मान्यता है कि कुंडली में सूर्य की स्थिति मजबूत होने पर मान-सम्मान और उच्च पद, प्रतिष्ठा की प्राप्त होती है। व्यक्ति को हर कार्य में सफलता मिलती है। वहीं, कमजोर सूर्य व्यक्ति को कई कष्टदायी फल दे सकता है। श्री पं. राधाकृष्ण पाराशर द्वारा लिखी गई पुस्तक रत्न विज्ञान के अनुसार, सूर्य के अशुभ प्रभाव से व्यक्ति का तेज और प्रतिभा नष्ट होने लगती है। ऐसे में रविवार के दिन व्रत और उपवास रखने के साथ माणिक्य रत्न धारण करना लाभकारी साबित हो सकता है। हालांकि, कोई भी रत्न धारण करने से पहले ज्योतिषीय सलाह जरूर लें। आइए जानते हैं माणिक्य पहनने के नियम और फायदे…
माणिक्य (Ruby) पहनने के नियम :
– अंगूठी में कम से कम सवा रत्ती माणिक्य होना चाहिए। सवा रत्ती से ज्यादा माणिक्य की अंगूठी अति शुभ मानी जाती है।
– चैत्र मास के रविवार को पुष्य नक्षत्र में सुबह सूर्योदय के समय माणिक्य धारण कर सकते हैं। माणिक्य पहनने से सूर्यदेव की कृपा बनी रहती है।
– मेष राशि वाले 21 मार्च से 20 अप्रैल की अवधि में माणिक्य पहन सकते हैं।
– इसके अलावा सिंह राशि वाले भी 21 जुलाई से 20 अगस्त के भीतर माणिक्य धारण कर सकते हैं।
– तुला राशि वाले 21 सितंबर से 20 अक्टूबर के बीच यह रत्न धारण कर सकते हैं।
– वृश्चिक राशि वाले 21 अक्टूबर से 20 नवंबर तक यह रत्न पहन सकते हैं।
– धनु राशि वाले 21 नवंबर से 20 दिसंबर तक याकूत माणिक्य पहन सकते हैं।
– मकर राशि वाले 21 दिसंबर से 20 जनवरी के बीच याकूत माणिक्य धारण कर सकते हैं।
माणिक्य (Ruby) धारण करने के लाभ
– सूर्य का रत्न माणिक्य (Ruby) पहनने से व्यक्ति का बल बढ़ता है और जीवन में आने वाली व्याधियों से मुक्ति मिलता है।
– यह रत्न स्वास्थ्य में सुधार से ज्यादा शरीर की शोभा बढ़ाने के लिए होता है।
– मान्यता है कि माइक पहनने से ऊर्जा और आत्मविश्वास में वृद्धि होती है।
– यह रत्न व्यक्ति को आत्मसम्मान प्रदान करता है और हर कार्य में सफलता दिलाता है।