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Atal Pension Yojana से निकालने हैं पैसे, तो जान लें ये नियम

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अटल पेंशन योजना (Atal Pension Yojana) भारत के नागरिकों के लिए एक खास पेंशन स्कीम है, जिसमे कोई भी रिटारमेंट के लिए निवेश कर सकता है. Atal Pension Yojana के तहत, ग्राहकों द्वारा योगदान के आधार पर 60 साल की आयु में 1,000 या 2,000 या 3000 या 4000 या 5000 प्रति माह की न्यूनतम पेंशन की गारंटी मिलती है.

60 साल की उम्र के बाद- 60 साल पूरे होने पर, सब्सक्राइबर संबंधित बैंक को गारंटीकृत न्यूनतम मासिक पेंशन या हायर मासिक पेंशन प्राप्त करने के लिए अनुरोध देंगे, अगर निवेश रिटर्न एपीवाई (Atal Pension Yojana) में एम्बेडेड गारंटीड रिटर्न से अधिक है. सब्सक्राइबर की मृत्यु पर मासिक पेंशन की समान राशि पति/पत्नी (डिफॉल्ट नॉमिनी) को दी जाती है. नॉमिनी सब्सक्राइबर और पति या पत्नी दोनों की मृत्यु पर 60 वर्ष की आयु तक जमा पेंशन धन की वापसी होती है।

60 साल के बाद किसी भी कारण से सब्सक्राइबर की मृत्यु के मामले में- सब्सक्राइबर की मृत्यु के मामले में, पेंशन पति या पत्नी को दी जाएगी और उन दोनों (सब्सक्राइबर और पति / पत्नी) की मृत्यु पर, ग्राहक की 60 वर्ष की आयु तक जमा की गई पेंशन राशि नामांकित व्यक्ति को वापस कर दी जाएगी.

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60 साल से पहले बाहर निकलने पर: 60 साल से पहले स्कीम से बाहर निकलने की अनुमति नहीं है. इसकी अनुमति केवल पीएफआरडीए द्वारा असाधारण परिस्थितियों में दी जा सकती है. यानी लाभार्थी की मृत्यु या लाइलाज बीमारी आदि की स्थिति में प्री-मेच्योर एक्जिट का प्रावधान नहीं है.

60 साल  पहले सब्सक्राइबर की मृत्यु पर: एपीवाई के तहत पूरी जमा राशि पति/पत्नी/नामित को वापस कर दी जाएगी. हालांकि, पति/पत्नी/नामित को पेंशन देय नहीं होगी. सरकार ने 2004 में NPS को गवर्नमेंट एंप्लॉयी के लिए शुरू किया था.

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