कानपुर। कानपुर जिले में आठ पुलिसकर्मियों की हत्या का मुख्य आरोपी विकास दुबे के साथी बचे साथियों पर पुलिस का शिकंजा तेजी से कसता जा रहा है। पुलिस भागे बदमाशाें को गिरफ्तार कर रही है। इसी कड़ी में मंगलवार को पुलिस ने चित्रकूट के कामता नाथ मंदिर में साधू बनकर रह रहे विकास दूबे के साथी बालगोविंद दुबे को गिरफ्तार कर लिया है। पुलिस ने इस पर पचास हजार का इनाम रखा था।
जानें कैसे पकड़ा गया बाल गोविंद दुबे?
बाल गोविंद दुबे घटना के बाद से ही फरार चल रहा था। वह बचने के लिए भगवा कपड़े पहनकर साधु बन गया था, लेकिन पुलिस को इसकी भनक लग गई थी। वैसे बताया तो यह भी जा रहा है कि इसकी मुखबिरी कुछ दिन पहले सरेंडर किए उमाकांत शुक्ला ने की थी।
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उमाकांत ने ही पुलिस को बताया था कि बालगाेविंद भी सरेंडर करना चाहता है और वह चित्रकूट में छिपा है। यह जानकारी मिलते ही पुलिस एक्टिव हो गई और साधू के वेष में छिपे बालगोविंद को गिरफ्तार कर लिया। पुलिस पकड़ कर उसे कानपुर के चौबेपुर थाने लाई और सीएचसी में उसका मेडिकल कराया गया है।
उमाकांत ने शनिवार को किया था सरेंडर
विकास दुबे के एक और साथी उमाकांत शुक्ला उर्फ गुड्डन ने शनिवार को चौबेपुर थाने पहुंच कर सरेंडर कर दिया था। वह अपने साथ पत्नी और बेटी को को लेकर पहुंचा था। इस दौरान उमाकांत शुक्ला ने गले में तख्ती लटकाई थी। जिसमें खुद के विकास दुबे का साथी होने और कानपुर कांड के बाद आत्मग्लानि की बात कही थी। उमाकांत शुक्ला ने पुलिस से रहम की गुहार लगाते हुए कहा कि मैं सरेंडर करने आया हूं।