जनवरी में माघ मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि को गणेश चतुर्थी का व्रत किया जाता है। इसको कई नामों से जाना जाता है, जैसे तिलकुटा चौथ, वक्र-तुण्डि चतुर्थी और माघी चौथ (Sakat Chauth) आदि। इस साल यह व्रत 17 जनवरी को किया जााएगा। आपको बता दें कि साल की सभी चौथ में यह बड़ी चौथ मानी जाती है। इस दिन माताएं अपनी संतान की लंबी उम्र के लिए व्रत रखती है। व्रत निर्जला रखा जाता है और साम के समय तारों को देखकर व्रत को खोला जाता है। आपको बता दें कि जैसा की नाम से ही आपको लग रह है तिलकुटा चौथ, इस व्रत में तिल का बहुत अधिक मह्त्व है। इस दिन तिल का दान तिया जाता है और तिल से बने व्यंजन का ही भोग गणपति को अर्पित किया जाता है।
किन चीजों के बिना अधूरा है व्रत (Sakat Chauth)
आपको बता दें कि गणपति की पूजा में सबसे ज्यादा चीज का इस्तेमाल होता है, वो है दूर्वा। इश दिन गणपति को दूर्वा अर्पित करनी चाहिए। इस दिन तिल और दूर्वा बहुत जरूरी चीजें, तिल से बना भोग गणपति को अर्पत किया जाता है।
सकट चौथ (Sakat Chauth) व्रत की लिस्ट
गणेश जी की मूर्ति
लकड़ी की चौकी
पीला या लाल कपड़ा
जनेऊ, मेहंदी, सिंदूर, अक्षत, हल्दी
सुपारी, पान का पत्ता, लौंग, रोली,
तिल, पान, आरती किताब, 21 गांठ दूर्वा
गाय का घी, फूल माला, इलायची, गुलाल
गंगाजल, लाल फूल, मौली, इत्र, अबीर
सकट चौथ (Sakat Chauth) व्रत डेट एंड टाइम
माघ कृष्ण चतुर्थी तिथि इस साल 17 जनवरी 2025 को सुबह 4 बजकर 06 मिनट पर शुरू हो रही है। इसके बाद अगले दिन माघ कृष्ण चतुर्थी तिथि 18 जनवरी 2025 को सुबह 5 बजकर 30 मिनट पर समाप्त हो रही है।
गणपति पूजा के लिए सुबह 7.15 बजे से सुबह 11.12 बजे तक शुभ मुहबर्त है। आपको पूजा के लिए 4 घंटें का मुहूर्त मिल रहा है। आपको बता दें कि चंद्रोदय रात 09.09 बजे होगा।