मुंबई। जाति जांच समिति ने NCB के पूर्व जोनल निदेशक समीर वानखेड़े (Sameer Wankhede) को क्लीन चिट दे दी है। अपने आदेश में समिति ने लिखा है कि वानखेड़े जन्म से मुसलमान नहीं थे। रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि यह सिद्ध नहीं होता है कि वानखेड़े और उनके पिता ने इस्लाम धर्म अपना लिया था। यह साबित हो गया है कि वे महार (अनुसूचित जाति) के थे।
उन्होंने भले ही एक मुस्लिम महिला से शादी की थी, लेकिन अपना धर्म नहीं बदला था। वे ज्ञानदेव से दाऊद नहीं हुए थे। इसलिए समीर वानखेड़े पर नवाब मलिक का आरोप गलत है कि उन्होंने मुस्लिम होने की बात छुपाई और अनुसूचित जाति के आरक्षण का लाभ लेकर आईआरएस अधिकारी की नौकरी पाई।
मुंबई डिस्ट्रिक्ट कास्ट स्क्रूटिनी कमिटी ने अपनी पड़ताल में यह साफ कहा है कि समीर वानखेड़े जन्म से मुस्लिम नहीं थे। यह साबित नहीं होता कि उनके पिता ने और बाद में उन्होंने भी अपनी पहली शादी के वक्त (एक मुस्लिम महिला से हुई थी पहली शादी) अपना धर्म बदला। वे महार -37 अनुसूचित जाति के हैं, यह बात साबित होती है। महा विकास आघाड़ी सरकार के वक्त एनसीपी नेता और मंत्री नवाब मलिक ने काफी आक्रामकता के साथ समीर वानखेड़े के मुस्लिम होने की बात उठाई थी।
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नवाब मलिक ने दावा किया था कि ना सिर्फ समीर वानखेड़े (Sameer Wankhede) की मां मुस्लिम थी, बल्कि उनके पिता ने भी इस्लाम कुबूल कर लिया था। इसके अलावा उन्होंने यह भी आरोप लगाया था कि अपनी पहली शादी के वक्त समीर वानखेड़े को मुस्लिम ही बताया गया था। वरना एक मुस्लिम लड़की से निकाह तब तक कुबूल नहीं होता, जब तक लड़का मुस्लिम ना हो।
इसके लिए उन्होंने उस मौलवी का जिक्र भी किया था जिसने समीर वानखेड़े की पहली शादी करवाई थी। उस मौलवी ने भी मीडिया से यह कहा था कि उनके सामने जो निकाहनामा है, उसमें यही लिखा है कि समीर दाऊद वानखेड़े (Sameer Wankhede) हैं। बाद में समीर वानखेड़े का पहली पत्नी से तलाक हो गया था। उन्होंने दूसरी शादी मराठी फिल्म अभिनेत्री क्रांति रेडकर से की।