नागपुर। संघ प्रमुख मोहन भागवत (Mohan Bhagwat) की तरफ से बड़ा बयान दिया गया है। उन्होंने नागपुर में संघ कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए कहा है कि अब RSS मंदिरों को लेकर कोई आंदोलन नहीं करने वाला है। उन्होंने अपने भाषण के दौरान राम मंदिर आंदोलन का भी जिक्र किया।
मोहन भागवत ( Mohan Bhagwat) के मुताबिक राम मंदिर आंदोलन में उनकी पार्टी ने जरूर हिस्सा लिया था। कोई इस बात को नहीं नकार रहा है। तब पार्टी ने अपनी मूल प्रवृति के विरोध जाकर उस आंदोलन में हिस्सा लिया था। लेकिन अब भविष्य में संघ किसी मंदिर आंदोलन में नहीं शामिल होने वाला है। संघ प्रमुख ने अपने संबोधन के दौरान ज्ञानवापी विवाद पर भी अपने विचार रखें।
उन्होंने कहा कि इतिहास को कोई नही बदल सकता है। ज्ञानवापी का एक मुद्दा है, इसे हिंदू-मुस्लिम से जोड़ना गलत है। मुसलमान आक्रमणकारी तो बाहर से आए थे। वहीं मोहन भागवत ये भी कह रहे हैं कि अब संघ के जरिए हर तरफ सिर्फ प्रेम का प्रसार करना है, हिंदुत्व भाव के साथ आगे बढ़ना है। इस बात पर भी जोर दिया गया है कि अब देश में किसी भी समुदाय के बीच लड़ाई नहीं होनी चाहिए। भारत को विश्वगुरू बनना चाहिए और पूरी दुनिया को शांति का पाठ सिखाना चाहिए।
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इस सब के अलावा एक बड़ा संदेश देते हुए भागवत ( Mohan Bhagwat) ने कहा है कि हर मस्जिद में शिवलिंग तलाशने की जरूरत नहीं है। कुछ आस्था के केंद्र हो सकते हैं, लेकिन हर मुद्दे पर लड़ाई क्यों करनी, विवाद क्यों बढ़ाना?
मोहन भागवत ने संबोधन के दौरान रूस-यूक्रेन युद्ध पर भी बात की। उनकी माने तो यूक्रेन पर रूस ने हमला किया है। लेकिन भारत का जो स्टैंड लिया गया है, वो एक दम संतुलित है। वे भारत सरकार की इस पॉलिसी को एकदम सही मानते हैं। उन्होंने इस बात का भी जिक्र किया कि रूस-यूक्रेन युद्ध ने भारत को भी बता दिया है कि शक्ति संपन्न रहना जरूरी है।
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संघ प्रमुख ने संबोधन में हिंदू धर्म को मजबूत बनाने की भी पैरवी की है। साफ कहा गया है कि हिंदू धर्म को और ताकतवर बनाना है। लेकिन ना खुद डरना है और ना ही किसी को डराना है। सभी के साथ मिलकर रहना है और विश्वगुरु बनने की ओर अग्रसर होना है।