मुंबई। शिवसेना के राज्यसभा सांसद संजय राउत ने कहा कि यूपी के हाथरस जिले में कथिततौर पर गैंगरेप पीड़िता के परिवार से मिलने जा रहे कांग्रेस नेता राहुल गांधी के साथ पुलिस दुर्व्यवहार पर हमला बोला है। राउत ने राहुल गांधी के साथ हुई धक्का-मुक्की की घटना को लोकतंत्र का गैंगरेप बताया है। उन्होंने शुक्रवार को कहा कि जिस तरह से राहुल गांधी का कॉलर पकड़ा गया, धक्का मारा गया और उन्हें गिराया गया। ये एक तरह से इस देश के लोकतंत्र का गैंगरेप है। इस गैंगरेप की भी जांच होनी चाहिए।
#WATCH Shiv Sena leader Sanjay Raut says, "Rahul Gandhi is a national political leader. We may have differences with Congress but nobody can support Police's behaviour with him…His collar was caught & he was pushed to the ground, in a way it's gangrape of country's democracy." pic.twitter.com/qhcC8qLiqi
— ANI (@ANI) October 2, 2020
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शिवसेना सांसद संजय राउत ने समाचार एजेंसी एएनआई से बातचीत में ये बातें कही है। उन्होंने कहा कि एक दलित लड़की का रेप और मर्डर होता है। वहां देश के एक पॉलिटिकल पार्टी के बड़े नेता मिलने जाते हैं, तो उनके साथ ऐसा व्यवहार? राहुल गांधी से वहां की पुलिस ने जिस तरह बर्ताव किया उसका समर्थन देश में कोई नहीं कर सकता है। राहुल गांधी इंदिरा गांधी के पोते हैं और राजीव गांधी के बेटे हैं। ये हमें भूलना नहीं चाहिए। इन लोगों ने देश के लिए शहादत दी है।
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उत्तर प्रदेश के हाथरस में कथिततौर पर गैंगरेप की शिकार पीड़िता की मौत और फिर पुलिस के उसका अंतिम संस्कार किए जाने को लेकर योगी सरकार निशाने पर है। हाथरस कांड के विरोध में गुरुवार को कांग्रेस नेता राहुल गांधी और प्रियंका गांधी समेत हजारों कांग्रेसियों ने जबरदस्त प्रदर्शन किया है। हालांकि, इसके बाद राहुल और प्रियंका गांधी को यूपी पुलिस ने हिरासत में ले लिया, मगर बाद में छोड़ भी दिया है। कांग्रेस समेत विपक्ष इस मामले को लेकर योगी सरकार पर हमलावर है, वहीं इलाहाबाद हाईकोर्ट ने इस मामले पर स्वत: संज्ञान लिया है। कोर्ट ने राज्य सरकार के शीर्ष अधिकारियों को समन जारी किया है।
दिल्ली के पास ग्रेटर नोएडा में पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी और महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा को गुरुवार को उस समय हिरासत में ले लिया गया। जब दोनों दलित युवती के परिवार से मुलाकात के लिए हाथरस जाने पर अड़े हुए थे। उत्तर प्रदेश पुलिस ने कहा कि राहुल गांधी, प्रियंका और अन्य 150 नेताओं को निषेधाज्ञा का उल्लंघन करने पर हिरासत में लिया गया, लेकिन निजी मुचलका जमा करने पर उन्हें छोड़ दिया गया।
पुलिस की ओर से आगे कहा गया कि नोएडा एक्सप्रेस-वे पर काफिले में शामिल दो गाड़ियों में भिडंत भी हो गई, जिसके बाद यमुना एक्सप्रेस वे के जीरो प्वांइट पर काफिले को रोकने का प्रयास किया गया जहां पर कांग्रेस पार्टी के सदस्यों द्वारा पुलिस के साथ हाथापाई व धक्कामुक्की की गई।
पुलिस ने राहुल गांधी और प्रियंका गांधी समेत कांग्रेस के 203 नेताओं के खिलाफ एफआईआर दर्ज की है। एफआईआर में इन लोगों के खिलाफ कई संगीन धाराएं लगाई गई हैं। मुकदमा गौतमबुद्ध नगर पुलिस की ओर से ही दर्ज किया गया है। मुकदमा धारा 144 का उल्लंघन करने तथा महामारी के दौरान आम लोगों का जीवन संकट में डालने के आरोप में आईपीसी की धारा 188, और धारा 269, 270 के तहत दर्ज कराया गया है।