नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी (Former Pm Rajiv Gandhi) की हत्या से जुड़े मामले में अपना फैसला सुनाया है। शीर्ष कोर्ट ने इस मामले में उम्रकैद की सजा काट रहे दोषियों में से एक एजी पेरारिवलन (Perarivalan) को रिहा करने का आदेश दिया है।
सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने माफी याचिका पर फैसला करने में अनुच्छेद 142 यानी संविधान से शीर्ष अदालत को मिली अपरिहार्य शक्ति का प्रयोग किया, इसका प्रयोग अदालत ने राज्यपाल की देरी के बाद एजी पेरारिवलन (Perarivalan) को रिहा करने का आदेश दिया।सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि राज्यपाल के पास संविधान के अनुच्छेद 161 के तहत दया याचिका पर निर्णय लेने का अधिकार है, लेकिन इसको लटकाया नहीं जा सकता है।
दरअसल मीडिया रिपोर्ट के बाद सुप्रीम कोर्ट ने मामले में देरी और राज्यपाल की कार्रवाई पर सवाल उठाया था। अदालत ने देखा था कि राज्यपाल सभी 7 दोषियों को रिहा करने के मामले में कैबिनेट के फैसले से बंधे हुए हैं, जबकि राज्यपाल के पास संविधान के अनुच्छेद 161 के तहत दया याचिका पर निर्णय लेने का अधिकार है।
11 मई को कोर्ट ने सुरक्षित रख लिया था फैसला
वहीं इससे पहले उच्चतम न्यायालय ने पूर्व प्रधानमंत्री की हत्या में ताउम्र कैद की सजा काट रहे पेरारिवलन (Perarivalan) की रिहाई याचिका पर अपना फैसला 11 मई को सुरक्षित रख लिया था। 11 मई से पहले की सुनवाई के दौरान पीठ ने केंद्र सरकार के उस सुझाव से असहमति जताई थी कि राष्ट्रपति द्वारा उसकी दया याचिका पर फैसले तक अदालत को इंतजार करना चाहिए।
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शीर्ष अदालत ने पेरारिवलन (Perarivalan) की दया याचिका राष्ट्रपति को भेजने की राज्यपाल की कार्रवाई को भी यह कहते हुए खारिज कर दिया था कि वह संविधान के खिलाफ किसी चीज के लिए अपनी आंखें बंद नहीं कर सकती।
राजीव गांधी हत्याकांड में 7 लोगों को ठहराया गया था दोषी
बता दें राजीव गांधी हत्याकांड मामले में सात लोगों को दोषी ठहराया गया था। सभी को मौत की सजा सुनाई गई थी, लेकिन साल 2014 में सुप्रीम कोर्ट ने इसे आजीवन कारावास में बदल दिया। 2016 और 2018 में जे जयललिता और एके पलानीसामी की सरकार ने दोषियों की रिहाई की सिफारिश की थी। मगर बाद के राज्यपालों ने इसका पालन नहीं किया और अंत में इसे राष्ट्रपति के पास भेज दिया। लंबे समय तक दया याचिका पर फैसला नहीं होने की वजह से दोषियों ने सुप्रीम कोर्ट का रुख किया था।
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बता दें 21 मई 1991 को पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की तमिलनाडु के श्रीपेरंबुदूर में हत्या हुई थी और 11 जून 1991 को पेरारिवलन को गिरफ्तार किया गया था। हत्याकांड में बम धमाके के लिए उपयोग में आई दो 9 वोल्ट की बैटरी खरीद कर मास्टरमाइंड शिवरासन को देने का दोष पेरारिवलन (Perarivalan) पर सिद्ध हुआ था। पेरारिवलन (Perarivalan) घटना के समय 19 साल का था और वह पिछले 31 सालों से सलाखों के पीछे है। पेरारिवलन (Perarivalan) ने जेल में रहने के दौरान अपनी पढ़ाई जारी रखी। उसने अच्छे नंबरों से कई डिग्रियां हासिल की है।