पटना| सीबीएसई 10वीं का रिजल्ट जारी होने के साथ ही एक बार फिर नॉन अटेंडिंग नामांकन शुरू हो चुका है। कई स्कूल नॉन अटेंडिंग नामांकन कर मोटी कमाई कर रहे हैं। इसके तहत छात्र से प्लस टू के लिए दो साल के एक साथ पैसे लिये जा रहे हैं। पूरे दो साल के प्लस टू के लिए 25 से 50 हजार रुपये अभिभावक से लिया जा रहा है। ऐसे स्कूल सीबीएसई की नजर में आ चुके हैं। बोर्ड ने उन स्कूलों को नोटिस देकर आगाह किया है। बोर्ड ने कहा कि नॉन अटेंडिंग नामांकन लेने वाले स्कूल की मान्यता खत्म की जायेगी।
सीबीएसई ने जारी किया 12वीं इंप्रूवमेंट का रिजल्ट, ऐसे करें आवेदन
ज्ञात हो कि इन दिनों 11वीं में नामांकन चल रहा है। ऐसे में कुछ स्कूल ऐसे हैं जहां पर नॉन अटेंडिंग नामांकन का खेल शुरू हो चुका है। राजधानी के नजदीक वाले स्कूलों में 40 से 50 हजार रुपये लिये जा रहे हैं। वहीं दरभंगा, मधुबनी, सहरसा जैसे जिलों के निजी स्कूलों में नामांकन के लिए 25 से 30 हजार रुपये लिये जा रहे हैं।
गाइडलाइंस को ध्यान में रखकर सितंबर में फाइनल ईयर की परीक्षा कराएगा इग्नू
कोरोना के कारण स्कूलों में ऑनलाइन क्लास चल रही है। कई छात्र स्कूल की ऑनलाइन क्लास नहीं करनी पड़े इसके लिए नॉन अटेंडिंग नामांकन लेना चाह रहे हैं। वाल्डविन एकेडमी के प्राचार्य राजीव रंजन ने बताया कि नॉन अटेंडिंग नामांकन के लिए हर दिन चार से पांच फोन आते हैं।
ये हैं नुकसान
- 2019 और 2020 के बोर्ड रिजल्ट में नॉन अटेंडिंग छात्रों का रिजल्ट सबसे ज्यादा खराब
- बोर्ड के अपडेट सिलेबस की नहीं होती समय से जानकारी
- स्कूल के शिक्षक के संपर्क में नहीं होने से पढ़ाई कमजोर हो जाती है
- एनसीईआरटी सिलेबस की नियमित पढ़ाई नहीं कर पाते हैं
- इंटरनल असेसमेंट में औसत अंक मिलता है
- बोर्ड को जानकारी होने पर नामांकन रद्द हो जाएगा, फिर पूरा साल बर्बाद होगा
संयम भारद्वाज (परीक्षा नियंत्रक, सीबीएसई) ने कहा, हर साल नॉन अटेंडिंग छात्रों के कारण बोर्ड का रिजल्ट खराब होता है। जो स्कूल नॉन अटेंडिंग नामांकन लेंगे, वैसे स्कूलों की रैंडमली जांच होगी। 11वीं में नामांकन के बाद कसी भी समय स्कूल से छात्रों की पूरी जानकारी मांगी जा सकती है।