वाशिंगटन। विज्ञानियों ने कोरोना से संक्रमित फेफड़ों की कोशिकाओं के मॉलीक्यूलर रिस्पांस चेन का पता लगाया है। शोध के दौरान यह भी देखा गया कि प्रोटीन की अधिकता और प्रोटीन फॉस्फोराइलेशन दोनों स्वस्थ कोशिकाओं के मामले में अत्यधिक नियंत्रित प्रक्रियाएं हैं, लेकिन कोशिकाओं के कोरोना से संक्रमित होने के बाद प्रोटीन की मात्रा और प्रोटीन फॉस्फोराइलेशन की आवृत्ति में असामान्य परिवर्तन होते हैं।
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यह असामान्य परिवर्तन वायरस की संख्या को बढ़ाने में मदद करते हैं और अंतत: कोशिकाओं को नष्ट कर देते हैं। जिसके परिणामस्वरूप फेफड़ों को बड़ा नुकसान होता है। शोधकर्ताओं का मानना है कि इससे कोरोना के उपचार में मदद मिल सकती है। अध्ययन के विश्लेषण के आधार पर अमेरिका स्थित बोस्टन यूनिवर्सिटी स्कूल ऑफ मेडिसिन (बीयूएसएम) के विज्ञानियों ने फेफड़ों की कोशिकाओं में मॉलीक्यूल्स के प्रोटीन और रास्ते की पहचान की, जिसका स्तर कोरोना से संक्रमित होने के बाद बदल जाता है।
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अध्ययन में विज्ञानियों ने कोरोना से संक्रमित होने के एक से 24 घंटे के अंदर कोशिकाओं में होने वाले परिवर्तनों की जांच की। शोध के सह लेखक और बीयूएसएम से ताल्लुक रखने वाले प्रोफेसर डेरेल कोटोन ने कहा कि परिणामों से पता चला कि सामान्य और असंक्रमित फेफड़ों की कोशिकाओं की तुलना में कोरोना संक्रमित कोशिकाओं में मौजूद प्रोटीन और फॉस्फोराइलेशन में नाटकीय परिवर्तन दिखाई दिया।