भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता और राज्यसभा सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कहा कि आजकल कई नेता महिलाओं के प्रति अपमानजनक शब्दों का इस्तेमाल कर रहे हैं, जो भी नेता ऐसी जुर्रत करता है, उसे राजनीति से बाहर कर देना चाहिए और इसका समय आ गया है।
श्री सिंधिया ने यह बात आज सांची, सुरखी, मुंगावली और अशोकनगर में जनसभाओं को संबोधित करते हुए कही। उन्होंने कहा कि संस्कार और अहंकार में यही फर्क है कि अहंकार दूसरों को झुकाने में मजे लेता है और संस्कार खुद झुककर दूसरों को खुशियां देता है। उन्होंने कहा कि 2018 में जब कांग्रेस की सरकार बनी, तो सोचा था यह सरकार विकास की उससे भी लंबी लकीर खींचेगी, जो भारतीय जनता पार्टी की सरकार ने 15 सालों में खींची थी। लेकिन इस सरकार ने वल्लभभवन को भ्रष्टाचार का केंद्र बना दिया।
कोई जातिवादी व्यक्ति 24 करोड़ लोगों का मुख्यमंत्री नहीं हो सकता : संजय सिंह
उन्होंने कहा कि हमने सोचा था कि श्री कमलनाथ उद्योगपति हैं, प्रदेश में उद्योग लाएंगे, निवेश लाएंगे। लेकिन इन्होंने ट्रांसफर उद्योग शुरू कर दिया। एक अफसर के चार-चार बार ट्रांसफर होते थे। शराब का उद्योग शुरू हो गया, अवैध उत्खनन शुरू हो गया। उन्होंने कहा कि विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने वादा किया था 10 दिनों में किसानों का कर्ज माफ करेंगे, नहीं तो मुख्यमंत्री बदल देंगे। न कर्ज माफ हुआ, न मुख्यमंत्री बदला।
श्री सिंधिया ने कहा कि मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान कन्यादान योजना में 25 हजार रुपये देते थे, कमलनाथ बोले हम 51000 रुपये देंगे। लाखों बेटियों की शादियां हो गई, लेकिन किसी को पैसे नहीं मिले।
श्री सिंधिया ने कहा कि आने वाला चुनाव सिर्फ एक उपचुनाव नहीं है, बल्कि पूरे देश की जनता आपकी तरफ देख रही है। यह चुनाव उन्हें जवाब देने का चुनाव है, जिन्होंने भ्रष्टाचार किया, प्रदेश की 7.5 करोड़ जनता के साथ गद्दारी की।