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जन-जन के राम एवं रामायण के प्रसंगों पर आधारित मूर्तिशिल्प शिविर 23 अक्टूबर तक

मूर्तिशिल्प शिविर

मूर्तिशिल्प शिविर

राज्य ललित कला अकादमी द्वारा जन-जन के राम एवं रामायण के प्रसंगों पर आधारित मूर्तिशिल्प शिविर का ऑफ़लाइन व ऑनलाइन का आयोजन 15 से 23 अक्टूबर, 2020 तक किया जा रहा है। जिसका शुभारम्भ दिनांक 15 अक्टूबर को मुकेश कुमार मेश्राम, प्रमुख सचिव, संस्कृति एवं पर्यटन द्वारा किया गया। उद्घाटन अवसर पर ऑफ़लाइन कलाकारों के साथ ही वर्चुअल माध्यम से ऑनलाइन कलाकारों को भी जोड़ा गया।

प्रमुख सचिव, संस्कृति मुकेश मेश्राम ने कहा कि संस्कृति विभाग एवं इसकी अधीनस्थ संस्थाये अपने कार्यक्रमों के माध्यम से न सिर्फ कलाकार को मंच एवं आर्थिक लाभ का अवसर प्रदान करें बल्कि कला और इनके कलाकारों से जनमानस को भी जोड़ने की कार्य योजना तैयार करें तथा इसके माध्यम से अधिक से अधिक कलाकारों को लाभान्वित करने के प्रयास किये जाये।

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प्रमुख सचिव, संस्कृति द्वारा यह भी कहा गया कि उप्र राज्य के दृश्यकला क्षेत्र के चित्रकार, मूर्तिकार एवं अन्य विधाओं के कलाकारों को अकादमी द्वारा पंजीकरण किया जाए जिसमें कलाकारों से सम्बन्धित अधिकाधिक जानकारी हो तथा अकादमी की सूचनायें त्वरित रूप से उन्हें प्रदान की जायें।

अकादमी के सचिव, डॉ. यशवन्त सिंह राठौर द्वारा बताया गया कि अकदामी द्वारा इससे पूर्व धातु मूर्तिकार शिविर का आयोजन (2013) में किया गया था। लॉकडाउन एवं कोविड-19 से सुरक्षा की गाइडलाइन्स का अनुपालन करते हुए अकादमी द्वारा इससे पूर्व विभिन्न कार्यक्रम आनॅलाइन आयोजित किए गए।

कोविड-19 से सुरक्षा के वर्तमान में दिए गए निर्देशों का अनुपालन सुनिश्चित करते  हुए इस वित्तीय वर्ष में पहली बार अकादमी परिसर, लाल बारादरी भवन, निकट- पुराना हाईकोर्ट- कैसरबाग लखनऊ में 15 मूर्तिकारों को आमत्रित कर ऑफलाइन शिविर का आयोजन किया गया है। प्रतिभागियों द्वारा फाइबर ग्लास के कलाकृतियों का सृजन किया जायेगा।

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डॉ. राठौर द्वारा बताया गया कि आनॅलाइन शिविर के अन्तर्गत 15 मूर्तिकार होम स्टूडियो में कलाकृतियों का सृजन करेंगे। इस मूर्तिकार शिविर में कुल 30 कलाकार आमंत्रित किए गए है। जिनमें वाराणसी, चित्रकूट, प्रयागराज, मऊ, आजमगढ़, गोरखपुर कानपुर लखनऊ, लखीमपुर खीरी, बुलन्दशहर, निजामाबाद, भटिंडा एवं मुम्बई के मूर्तिकार शामिल हैं। अकादमी द्वारा मूर्तिकला के सृजन हेतु आमंत्रित कलाकारों को कुल रूपये 15000/- मानदेय दिया जायेगा। कृति सृजन वास्तविक लागत के आंकलन के पश्चात् अधिकतम रूपये 5,000/- कला सामग्री हेतु प्रदान किया जायेगा।

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