• About us
  • Privacy Policy
  • Disclaimer
  • Terms & Conditions
  • Contact
24 Ghante Latest Hindi News
  • होम
  • राष्ट्रीय
    • उत्तराखंड
    • उत्तर प्रदेश
    • छत्तीसगढ़
    • हरियाणा
    • राजस्थान
  • राजनीति
  • अंतर्राष्ट्रीय
  • क्राइम
  • मनोरंजन
  • शिक्षा
  • स्वास्थ्य
  • धर्म
  • होम
  • राष्ट्रीय
    • उत्तराखंड
    • उत्तर प्रदेश
    • छत्तीसगढ़
    • हरियाणा
    • राजस्थान
  • राजनीति
  • अंतर्राष्ट्रीय
  • क्राइम
  • मनोरंजन
  • शिक्षा
  • स्वास्थ्य
  • धर्म
No Result
View All Result

लोन को पुनर्गठन नहीं करेगा एसडीएफसी बैंक, आम लोगों पर बढ़ेगा वित्तीय बोझ

Desk by Desk
24/09/2020
in ख़ास खबर, राष्ट्रीय
0
loan restructure plan

लोन मोराटोरियम

14
SHARES
176
VIEWS
Share on FacebookShare on TwitterShare on Whatsapp

नई दिल्ली। कोरोना महामारी के कारण वित्तीय संकट में आए कर्जदारों को लोन पुनर्गठन (रिस्ट्रक्चरिंग) कराने में शर्तों और शुल्क की दोहरी मार पड़ रही है। सेबी पंजीकृत निवेश सलाहकार जितेंद्र सोलंकी ने हिन्दुस्तान को बताया कि लोन पुनर्गठन कराना से आम लोगों पर वित्तीय बोझ बढ़ेगा।

अगर संभव हो लोन पुनर्गठन नहीं कराकर ईएमआई का भुगतान भविष्य निधि फंड (पीएफ), सावधि जमा (एफडी) या गोल्ड लोन लेकर कर सकते हैं। आप पीएफ से कर्ज लेकर कम ब्याज पर लोन की ईएमआई चुका सकते हैं। बाद में आप पीएफ में वह पैसा जमा कर सकते हैं।

मौसम विभाग ने यूपी-बिहार समेत आठ राज्यों में भारी बारिश का अलर्ट किया जारी

लोन पुणर्गठन कराने के लिए बैंकों ने सैलरी स्लिप, इनकम का डिक्लेरेशन, नौकरी जाने के मामले में डिस्चार्ज लेटर, अकाउंट का स्टेटमेंट आदि समेत कई दस्तावेज मांगे हैं।

लोन मोरेटोरियम सुविधा 31 अगस्त खत्म होने के बाद आरबीआई के नए दिशानिर्देशों के अनुसार बैंक खुद नियम और शर्तें बनाकर कर्जदारों को लोन पुनर्गठन के लिए पेशकश कर रहे हैं। हर बैंक अपने अनुसार नियम बना रहे हैं। इससे कर्जदारों को दिक्कत का सामना करना पड़ रहा है। सेंट्रल बैंक की वेबसाइट के अनुसार, वह अपने ग्राहकों से लोन पुनर्गठन के लिए एक हजार से 10 हजार रुपये चार्ज करेगा।

संकटग्रस्त कर्जदारों से बैंक वसूल रहे हैं 10000 रुपये तक प्रोसेसिंग फीस

लोन पुनर्गठन कराने में अतिरिक्त ब्याज लागत के साथ-साथ लोन अवधि के संभावित विस्तार पर भी ध्यान दें। अगर आप नौकरीपेशा हैं और रिटायरमेंट के करीब हैं तो लोन पुनर्गठन विकल्प से लोन चुकाने की अवधि में संभावित विस्तार बेहद जोखिमभरा हो सकता है। ऐसा इसलिए क्योंकि पुनर्गठन लोन की अवधि आपके रिटायरमेंट के बाद के सालों तक जाएगी, जहां आपकी आय के माध्यम कम होंगे। इसलिए फैसला लेने से पहले लोन की बढ़ी हुई अवधि में रिपेमेंट की संभावना का आकलन जरूर कर लें।

Tags: auto loanbig newshome loanloan restructure planmoratoriumonline portalrestructuringRetail Loanretail loansSBISBI Customersईएमआई"एसबीआईएसबीआई ग्राहकों के लिए बड़ी खबरएसबीआई बैंकऑटो लोनकर्जदारघर बैठे रिस्‍ट्रक्‍चर कर सकेंगे अपना लोनमोरेटोरियम"लोन पुनर्गठनलोन मोराटोरियमलोन रिस्‍ट्रक्‍चर प्‍लानहोम लोन
Previous Post

संकटग्रस्त कर्जदारों से बैंक वसूल रहे हैं 10000 रुपये तक प्रोसेसिंग फीस

Next Post

दुनिया भर के श्रमिकों की आय में आई 10.7 प्रतिशत की जबर्दस्त गिरावट

Desk

Desk

Related Posts

FDA
उत्तराखंड

त्योहारों पर मिलावटखोरों के खिलाफ सख़्ती, मुख्यमंत्री धामी के निर्देश पर प्रदेशभर में एफडीए का विशेष अभियान जारी

28/09/2025
1xBet
Main Slider

1xBet मामले में ED की बड़ी कार्रवाई, सेलेब्स-क्रिकेटरों की करोड़ों की संपत्ति होगी जब्त

28/09/2025
CM Vishnudev Sai
Main Slider

सीएम विष्णुदेव साय ने सुनी ‘मन की बात’ कार्यक्रम की 126वीं कड़ी

28/09/2025
CM Vishnudev Sai
राजनीति

भगत सिंह का जीवन हमें यह सिखाता है कि राष्ट्रहित सर्वोपरि: मुख्यमंत्री विष्णुदेव

28/09/2025
Chaitanyananda Saraswati
क्राइम

स्वामी चैतन्यानंद की बढ़ी मुश्किलें, कोर्ट ने 5 दिन की रिमांड पर भेजा

28/09/2025
Next Post
ILO Monitor

दुनिया भर के श्रमिकों की आय में आई 10.7 प्रतिशत की जबर्दस्त गिरावट

यह भी पढ़ें

Naresh Tikait

दिल्ली की घटना से किसान के सम्मान को ठेस पहुंची : नरेश टिकैत

29/01/2021

घर में इन तस्वीरों का लगाना है बेहद शुभ, कभी नहीं होती पैसों की कमी

04/01/2022
Arrested

चालक की हत्याकर ई-रिक्शा लूटने वाले महिला सहित तीन गिरफ्तार

31/10/2022
Facebook Twitter Youtube

© 2022 24घंटेऑनलाइन

  • होम
  • राष्ट्रीय
    • उत्तराखंड
    • उत्तर प्रदेश
    • छत्तीसगढ़
    • हरियाणा
    • राजस्थान
  • राजनीति
  • अंतर्राष्ट्रीय
  • क्राइम
  • मनोरंजन
  • शिक्षा
  • स्वास्थ्य
  • धर्म

© 2022 24घंटेऑनलाइन

Go to mobile version