जम्मू। सुरक्षाबलों ने पुलवामा हमले की दूसरी बरसी पर एक बड़ी आतंकी साजिश को नाकाम किया है। सूत्रों के मुताबिक जम्मू में सात किलो आरडीएक्स बरामद किया गया है। जम्मू पुलिस ने एक शख्स को भी गिरफ्तार किया है। वह कश्मीर घाटी का रहने वाला है। उसी के निशानदेही पर इतना बड़ा जखीरा बरामद किया गया है। हालांकि अभी इसकी आधिकारिक पुष्टि नहीं की है। शाम 4:30 बजे जम्मू पुलिस प्रेस कॉन्फ्रेंस कर सकती है।
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दो साल पहले आज ही के दिन कश्मीर के पुलवामा में जैश-ए-मोहम्मद के एक फिदायीन आतंकी दस्ते ने सीआरपीएफ के काफिले पर हमला किया था। इस हमले में सीआरपीएफ के 40 जवान शहीद हो गए थे। पुलवामा हमला पाकिस्तान की एक सोची समझी साजिश का नतीजा था। इस साजिश के तहत जैश ए मोहम्मद में अपने आतंकियों को ट्रेनिंग देने के लिए अलकायदा, तालिबान और हक्कानी के अफगानिस्तान में बने ट्रेनिंग कैंप में हथियार और गोला बारूद चलाने का प्रशिक्षण दिया था।
CRPF जवान पर कैसे हुआ था हमला?
14 फरवरी 2019 को श्रीनगर में ड्यूटी पर वापस लौट रहे सीआरपीएफ के 76वीं बटालियन के 2500 से ज्यादा जवानों के लिए जम्मू से 2.33 बजे तड़के बस लेना यादगार अनुभव था, जो कि कुछ ही घंटों बाद सबसे दुखद घटना में तब्दील हो गया। काफिला जैसे ही श्रीनगर से 27 किलोमीटर पहले लेथपोरा पहुंचा, एक पीछा कर रही विस्फोटक से भरी कार ने काफिले के पांचवी बस को बांयी तरफ से टक्कर मार दी. विस्फोट में दूसरे बस को भी नुकसान पहुंचा। क्षेत्र में गोलीबारी की आवाज सुनी गई, लेकिन कोई नहीं जानता यह गोलीबारी किसने की।
काफिले में मौजूद सीआरपीएफ के एक जवान ने कहा कि जबरदस्त धमाके ने सभी को चौंका दिया। वहां केवल अफरा-तफरी और भ्रम की स्थिति थी-मैं वहां केवल धुआं देख पा रहा था। विस्फोट के तुरंत बाद पाकिस्तान स्थित जैश-ए-मोहम्मद ने हमले की जिम्मेदारी ली। उसने कहा कि दक्षिण कश्मीर के पुलवामा जिले के एक स्थानीय फिदायीन अदिल अहमद डार ने यह हमला किया। इसके साथ ही संगठन ने डार का एक वीडियो भी जारी किया। हमले की जांच कर रहे राष्ट्रीय जांच एजेंसी के सूत्रों ने कहा कि डार ने संभवत: 150 किलोग्राम अमोनियम नाइट्रेट (सुपर 90)-एक उर्वरक जिसका कम तीव्रता के धमाके के लिए प्रयोग किया जाता है, का प्रयोग किया गया है।