प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तीन दिनों के अमेरिका यात्रा पर हैं। अमेरिका पहुंचते ही पीएम मोदी का बहुत गर्मजोशी से स्वागत हुआ। पीएम मोदी वॉशिंगटन डीसी के होटल द विलार्ड इंटरकॉन्टिनेंटल में ठहरे हैं।
ये होटल अमेरिका के सबसे आलीशान होटलों में से एक है और व्हाइट हाउस के नजदीक स्थित है। लगभग हर अमेरिकी राष्ट्रपति यहां दूसरे देश से आने वाले नेताओं की मेजबानी करता है।
यहां कई बड़े-बड़े सामाजिक कार्यक्रमों का आयोजन भी किया जाता है। आइए देखते हैं कि पीएम मोदी जिस होटर में ठहरे हैं, वो अंदर से कितना शानदार है और इसका इतिहास कितना पुराना है।
होटल के क्लासिक कमरे-
इस होटल में कुल 335 कमरे हैं। इन क्लासिक कमरों में मेहमानों का भव्य स्वागत किया जाता है। इन कमरों को नेवी, आइवरी कलर, ग्रे और गोल्ड कलर का टच दिया गया है। इन कमरों की कीमत 361 से 386.12 डॉलर (26,614 रुपए से शुरू होकर 28,466 रुपए) तक है। जबकि सुइट्स की कीमत 616.42 डॉलर (45,439 रुपए) है. सिटी व्यू के हिसाब से इन कमरों की कीमत बढ़ सकती है।
हर एक कमरे में एक किंग बेड या दो क्वीन बेड, वॉक-इन मार्बल शावर या बाथटब के साथ शावर, पावर आउटलेट और यूएसबी चार्जिंग पॉइंट के साथ बड़ा वर्क डेस्क और साथ में कॉफी की मशीन लगी हुई है।
मीटिंग रूम-
इस होटल में अलग-अलग साइज के 19 मीटिंग रूम हैं जिन्हें फेडरल स्टाइल में डिजाइन किया गया है। हर मीटिंग रूम का अपना अलग स्पेस है। यहां के ऐतिहासिक बॉलरूम, क्रिस्टल रूम और विलार्ड रूम अपनी प्राइवेसी के लिए जाने जाते हैं। इसके सेकेंड फ्लोर पर प्राइवेट मीटिंग स्पेस की खास व्यवस्था की गई है। इस होटल का इतिहास भी इसकी तरह ही खास है।
रो हाउस-
1816 में पेंसिलवेनिया एवेन्यू के 14वीं स्ट्रीट पर कैप्टन जॉन टायलो द्वारा बनवाया गया रो-हाउस एक होटल के लिए जोशुआ टेनीसन को लीज़ पर दिया गया। इसके बाद 30 सालों तक इस होटल और इसके संचालक का नाम कई बार बदला गया। 1853 में विलार्ड सिटी होटल में यहां के पहले राष्ट्रपति फ्रैंकलिन पियर्स का स्वागत किया गया। विलार्ड अपने भव्य मेजबानी के लिए मशहूर है।
जापान का पहला डेलिगेशन-
1860 में विलार्ड को अमेरिका में पहली बार जापानी प्रतिनिधिमंडल के स्वागत के लिए चुना गया। तीन राजदूतों और चौहत्तर लोगों के साथ आया जापान का डेलिगेशन राष्ट्रपति जेम्स बुकानन से मिलने के लिए वॉशिंगटन आया था।
शांति सम्मेलन का आयोजन-
1861 में पूर्व राष्ट्रपति जॉन टायलर की अध्यक्षता में गृहयुद्ध से बचने के लिए यहां पहली बार ऐतिहासिक शांति सम्मेलन का आयोजन किया गया था। कुछ सालों के बाद द विलार्ड में नेशनल प्रेस क्लब की स्थापना की गई। राष्ट्रपति यूलिसिस एस ग्रांट विलार्ड लॉबी में आकर अक्सर सिगार और ब्रांडी का लुत्फ उठाते थे। यहीं से ‘लॉबीस्ट’ शब्द लोकप्रिय हुआ।
डॉक्टर मार्टिन लूथर किंग की यादगार स्पीच-
1963 में प्रसिद्ध आंदोलनकारी और लोगों के अधिकारों के लिए लड़ने वाले मार्टिन लूथर किंग जूनियर ने अपना यादगार भाषण ‘I Have a Dream’ इसी होटल की लॉबी में बैठकर तैयार किया था।
जब होटल के दरवाजे हुए बंद-
रेवेन्यू ना आने और डीसी में हुए दंगों के बाद राष्ट्रपति की सलाहकार परिषद ने यहां नेशनल स्क्वायर बनाने का फैसला किया। इसके बाद 15 जुलाई, 1968 को आधिकारिक तौर पर विलार्ड को बंद कर दिया गया। 18 साल से भी अधिक समय तक बंद रहने के बाद होटल को 20 अगस्त 1986 को आम जनता के लिए फिर से खोल दिया गया।