महाराष्ट्र के पुणे में मौजूद एक लॉज में धड़ल्ले से जिस्मफरोशी का धंधा चल रहा था। इस बारे में जैसे ही पुलिस को सूचना मिली तो पुलिस के सामाजिक सुरक्षा सेल ने लॉज में छापा मारकर वहां दस महिलाओं को मुक्त कराया। पुलिस ने एक आरोपी को मौके से गिरफ्तार किया है, लेकिन एक आरोपी भागने में सफल हो गया।
पिम्परी चिंचवड़ पुलिस के सोशल सिक्यूरिटी सेल को सूचना मिली थी कि देहु रोड इलाके के किवले गांव के करीब मुंबई-बेंगलुरु हाइवे पर स्थित द्वारका रूम्स लॉज में बड़े पैमाने पर जिस्मफरोशी का कारोबार चलाया जा रहा है।
इसी जानकारी के आधार पर पुलिस के सोशल सिक्यूरिटी सेल की एक विशेष टीम बनाई गई। जिसमें 3 अधिकारी और 13 कर्मियों को शामिल किया गया। टीम में महिला पुलिसकर्मी भी शामिल थीं। इसके बाद पुलिस की स्पेशल टीम ने द्वारका रूम्स पर पहुंचकर छापेमारी की।
इस दौरान पुलिस ने लॉज से 10 पीड़ित महिलाओं का रेस्क्यू किया। जिममें 4 महिलाएं पश्चिम बंगाल, 3 महाराष्ट्र, 2 कर्नाटक और 1 महिला आसाम की रहने वाली है। एक पुलिस अधिकारी ने आजतक को बताया कि द्वारका रूम्स लॉज का मैनेजर जबरन इन महिलाओं से जिस्मफरोशी करवाता था।
पुलिस के मुताबिक जिस्मफरोशी के लिए ग्राहक से एक घंटे के लिए एजेंट 3 हज़ार रुपये लेता था। लेकिन महिलाओं को सिर्फ 500 रुपये दिए जाते थे। पुलिस टीम ने महिलाओं को मुक्त कराया और पुणे के रेस्क्यू फाउंडेशन नामक NGO के हवाले कर दिया। जहां से उन्हें उनके परिवारवालों के हवाले किया जाएगा।
छापेमारी के दौरान पुलिस की टीम ने लॉज से 2 मोबाइल फोन समेत 25 हज़ार 700 रुपये बरामद किए हैं। इस शर्मनाक कारोबार को चलाने वाले लॉज मैनेजर गवीरंगा गौड़ा को पुलिस ने गिरफ़्तार कर लिया है। जबकि उसका एक साथी भागने में कामयाब हो गया।
यह ऑपरेशन पिम्परी चिंचवड शहर के पुलिस आयुक्त कृष्ण प्रकाश के नेतृत्व में किया गया। पुलिस कमिश्नर कृष्ण प्रकाश ने आजतक को बताया कि उनकी टीम का मकसद महिलाओं के खिलाफ होने वाले अपराध को रोकना है।