रामपुर।(मुजाहिद खान): शबनम की ओर से उसके अधिवक्ताओं ने जेल अधीक्षक को राज्यपाल को संबोधित फाँसी माफी के लिए प्रार्थना पत्र सौंपा है।
जेल अधीक्षक ने बताया कि दया याचिका राज्यपाल को भेजी दी जाएगी। इससे पहले भी राज्यपाल शबनम की दया याचिका को खारिज कर चुके हैं। सुप्रीम कोर्ट के बाद राष्ट्रपति ने भी शबनम की दया याचिका खारिज कर दी थी।
अमरोहा जिले के बावनखेड़ी गांव में 14-15 अप्रैल 2008 की रात को प्रेमी के साथ मिलकर अपने परिवार के सात सदस्यों को मौत के घाट उतारने वाली शबनम और उसके प्रेमी सलीम को फांसी दी जाएगी। शबनम जुलाई 2019 से रामपुर जेल में बंद है। शबनम को मुरादाबाद जेल से रामपुर जेल में भेज दिया गया था।
सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद राष्ट्रपति ने शबनम और सलीम की दया याचिका खारिज कर दी है। रामपुर जेल प्रशासन को अब शबनम के डेथ वारेंट का इंतज़ार है। इसके लिए रामपुर जेल प्रशासन ने अमरोहा ज़िला अदालत में गुहार लगाई है। अब रामपुर जेल प्रशासन के पास शबनम के अधिवक्ता के माध्यम से फाँसी से क्षमा के लिए एक प्रार्थना पत्र दिया है। अब जेल प्रशासन इसे राज्यपाल को भेजेगा।
परिजनों का शबनम का शव लेने से इंकार, फांसी की सजा से गांव में खुशी का माहौल
शबनम अपने सात परिजनों की हत्या के आरोप में दोषी करार दी गई है। सुप्रीम कोर्ट ने भी उसकी सजा की पुष्टि की है। राज्यपाल और राष्ट्रपति के यहां से भी उसकी दया याचिका खारिज हो चुकी है। ऐसे में मथुरा जेल में उसको फांसी दिए जाने की तैयारी शुरू हो गई है। हालांकि अभी उसका डेथ वारंट जारी नहीं हुआ है।
शबनम फिलहाल रामपुर की जेल में है और यहां के जिला अधीक्षक ने अमरोहा के जिला जज से उसका डेथ वारंट जारी करने का अनुरोध किया है। इस बीच गुरुवार को शबनम के दो अधिवक्ताओं ने रामपुर के जेल अधीक्षक से मुलाकात कर उनको राज्यपाल को संबोधित दया याचिका सौंपी है। इसमें उसकी फांसी की सजा माफ किए जाने की मांग की गई है।
शबनम के बेटे ने राष्ट्रपति से की अपील- अंकल… मेरी मां को मत दो फांसी
जेल अधीक्षक पीडी सलोनिया ने बताया कि दो अधिवक्ता आए थे। जिन्होंने प्रार्थना पत्र दिया है। प्रार्थना पत्र राज्यपाल को अग्रसारित किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि अधिवक्ताओं ने शबनम की ओर से उसकी फांसी सजा माफ किए जाने की मांग की गई है। जेल अधीक्षक ने बताया कि राज्यपाल के नाम दोबारा दया याचिका दी गई है। इससे पहले राज्यपाल एक बार उसकी दया याचिका को खारिज कर चुके हैं।