रामपुर (मुजाहिद खाँ)। फिल्मी दुनिया की नामवर शख्सियत रज़ा मुराद शनिवार देर शाम रामपुर पहुँचे।
रामपुर से रज़ा मुराद का दिली रिश्ता है और अक्सर रामपुर आते रहते हैं। रज़ा मुराद के पिता मुराद खान जोकि 500 से ज़्यादा फिल्मों में अलग अलग किरदारों में काम कर चुके हैं रामपुर की पैदाइश थे। वहीं सैंकड़ो फिल्मों में अलग अलग किरदारों में जिसमें चाहे विलेन का रोल हो या कोई भी किरदार अदा करने के साथ ही अपनी बुलंद आवाज़ का सिक्का जमा चुके रज़ा मुराद जोकि हर किरदार को अपने अंदर उतारने में फिल्मी दुनिया की एक नामवर शख्सियत में शुमार किए जाते हैं।
वहीं रामपुर पहुँचे रज़ा मुराद ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि अयोध्या रामलीला में 14 तारीख को मेरी परफॉर्मेंस है जिसमें कुंभकरण का रोल अदा कर रहा हूं,जो 6 महीने सोते हैं और 6 महीने जागते हैं। और मेरा किरदार शुरू हो रहा है जब कुंभकरण नींद से जागता है और नींद से जागने के बाद जब वह तांडव करता है। यहां से मेरे किरदार की शुरुआत है। कहा पिछले 10 साल से इस रामलीला से जुड़ा हुआ हूं जिसमें अलग-अलग किरदार किए हैं। कभी मैं रावण बना हूं कभी राजा जनक बना हूं कभी सुग्रीव और कभी कुंभकरण यह सिलसिला चल रहा है और यह बहुत अच्छी मिसाल है और राष्ट्रीय सद्भावना की सबसे अच्छी मिसाल है कि हर मजहब से ताल्लुक रखने वाले इस रामलीला का एक पार्ट हैं यही हमारे देश की राष्ट्रीय सद्भावना की जिंदा मिसाल है।
इसमें मेरे साथ शाहबाज खान भी है जो रावण का किरदार अदा कर रहे हैं। रामपुर आने पर कहा कि रामपुर आना तो एक बहाना है मेरे एक मित्र के यहाँ मुरादाबाद में शादी है, मुरादाबाद शादी में शिरकत करने आया हूं लेकिन दिल मेरा रामपुर में अटका हुआ है। रुकूंगा रामपुर और शादी में शिरकत करने के बाद वापस रामपुर ही रहूंगा। यह मेरा वतन है मेरे वालिद, दादा, परदादा का वतन है इसी मिट्टी में उनके मज़ार है और यहीं दफन हैं। कहा मुराद साहब रामपुर से पहले फिल्मी दुनिया के कलाकार रहे जिन्होंने 500 से ज्यादा फिल्मों में काम किया। मैंने किसी भी इंसान को अपने वतन से इतनी मोहब्बत करते हुए नहीं देखा जितनी मुराद साहब करते थे। यहाँ की गलियों से यहां के खानों से, आबो हवा से पूरे शहर से उन्हें इश्क़ था।
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500 से ज़्यादा फिल्में करके उन्होंने रामपुर का नाम पूरी दुनिया में रोशन किया। उनको गुज़रे हुए 25 वां साल है, लेकिन इस शहर ने मुराद साहब के नाम की न तो कोई गली, न सड़क न पार्क रखा उनके नाम से यह बात बेहद अफसोस नाक है। जिस शख्स ने इतने बड़े फनकार होने के बाद अपने वतन को फरामोश नहीं किया उस वतन ने मुराद रामपुरी को फरामोश कर दिया।
वहीं किसानों की घटना पर कहा कि हिंसा तो होनी ही नहीं चाहिए न एक्शन होना चाहिए न रिएक्शन होना चाहिए। अगर आप किसी को जिंदगी दे नहीं सकते तो आपको किसी की जिंदगी लेने का हक नहीं है यही कहूंगा कि जो भी हुआ है गलत हुआ है किसी की भी जान को नहीं जाना चाहिए था। वह अगर किसान है या आम नागरिक है यह गलत हुआ है और जिसने भी गलत किया है यह अदालत में साबित होगा। जिसने भी गलत किया है तो उसे कानून के हिसाब से सजा मिलनी चाहिए।
किसानों का मामला हल न होने पर कहा कि अगर उन्हें कोई शिकायत है तो उस शिकायत की तह तक पहुंचना है कि उन्हें क्या शिकायत है और दूसरी बात यह है ऐसी कोई भी समस्या नहीं है जिसका कोई समाधान न हो। ईस्ट जर्मनी और वेस्ट जर्मनी एक हो गए, बर्लिन की दीवार तोड़ दी गई तो ऐसा नहीं है कि अगर इस समस्या पर बैठकर गंभीरता से कोई हल निकालने की कोशिश हो तो बहुत बेहतर है क्योंकि किसान हमें अन्न देते हैं हमारे घर का राशन उन्हीं के ज़रिए आता है तो उनकी जो समस्याएं हैं उस पर गौर करें और टेबल पर बैठ कर बात करें। हर समस्या का समाधान है।
शाहरुख खान के बेटे आर्यन खान के ड्रग्स मामले में रज़ा मुराद ने शाहरुख खान के बेटे को लेकर दिए गए सालो पुराने ड्रग्स के बयान पर कहा कि मेरे समझ में ये नहीं आता कि कोई बाप अपने 2 साल के बेटे के लिए ऐसी बाते कैसे कर सकता है। और अगर ये मज़ाक भी है तो मैं इसको मज़ाक नहीं मानूंगा। बेटा जो है वो बाप का खून होता है हर बाप चाहता है कि बेटा अच्छा काम करे। बाप का नाम रोशन करे। और जो बाप है बेटा उससे भी ऊपर जाए तरक्की करे।
किस मसलेहत के तहत उन्होंने ये बात कही है वो मुझे नही मालूम। लेकिन एक बाप अपने बेटे के लिए कर रहा है तो बड़ा अजीब लग रहा है। और ये बात तब की गई थी जब वो बेटा सिर्फ 2 साल का था। और उसमें से कुछ बाते सच हो रही है तो उन्होंने 21 साल पहले कहीं थी। स्कूल बच्चा तालीम के लिए जाता है। लेकिन संस्कार घर से मिलते है। माँ बाप उसको संस्कार देते है। जहां तक इस केस की बात है हमारे देश का कानून ये कहता है कि जब तक जुर्म साबित नहीं होता वो बेगुनाह है।