प्रयागराज। बहुजन समाज पार्टी (बसपा) के तत्कालीन विधायक राजू पाल हत्या के मुख्य गवाह उमेश पाल की हत्या में नामजद आरोपी शाइस्ता परवीन (Shaista Parveen) की अग्रिम जमानत याचिका पर गुरूवार को खारिज कर दी गयी।
शासकीय अधिवक्ता (फौजदारी) गुलाब चंद्र अग्रहरि ने बताया कि सुनवाई के बाद प्रयागराज की एमपी/एमएलए कोर्ट के विशेष न्यायाधीश डा दिनेश चंद्र शुक्ल दोनो पक्षों को सुनने के बाद उमेश पाल हत्याकांड में साजिश रखने के आरोपी शाइस्ता परवीन को जमानत देने से इनकार कर दिया।
पिछली सुनवाई पर वादी की तरफ से वकालतनामा दाखिल नहीं हुआ था इसलिए गुरूवार को अदालत ने सुनवाई की तारीख निश्चित की थी।
उन्होंने बताया कि माफिया से राजनेता बने अतीक अहमद की पत्नी शाइस्ता परवीन उमेश पाल हत्याकांड में नामजद आरोपी है। हत्याकांड के बाद से वह फरार है और पुलिस ने शाइस्ता परवीन पर 25000 रूपए का इनाम घोषित किया है।
गौरतलब है कि अधिवक्ता खान सौलत हनीफ ने उमेश पाल हत्याकांड में आरोपित शाइस्ता परवीन (Shaista Parveen) की तरफ से गिरफ्तारी से बचने के लिए जिला न्यायालय में अग्रिम जमानत अर्जी दाखिल की है। यह अर्जी सोमवार 13 मार्च को ही दाखिल की गई है। अर्जी में शाइस्ता ने कहा है कि उसका इस घटना से कोई लेना-देना नहीं है। उसे सियासी रंजिश में फंसाया गया है।
उमेश पाल हत्याकांड का इनामी शूटर अरमान और अतीक अहमद की पत्नी शाइस्ता परवीन (Shaista Parveen) का एक वीडियो सामने आया है जिसमें दोनों साथ दिखाई दे रहे हैं। इससे पहले शाइस्ता का एक वीडियो साबिर के साथ वायरल होने के बाद शाइस्ता की तलाश तेज कर दी गई। हत्याकांड की जांच जैसे जैसे आगे बढ़ रही है, शाइस्ता की भी भूमिका सामने आ रही है।
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मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट (सीजेएम) की विशेष अदालत के न्यायाधीश दिनेश चन्द्र शुक्ल ने 28 मार्च को अतीक अहमद, दिनेश पासी और अधिवक्ता खान सौलत हनीफ को सश्रम आजीवन कारावास और एक एक लाख रूपया क्षतिपूर्ति जुर्माने की सजा सुनाई । उसके बाद उन्हें वाई श्रेणी की सुरक्षा व्यवस्था मुहैया करायी गयी है।