सनातन धर्म में शनि जयंती को एक खास पर्व के रूप में मनाया जाता है। यह हर साल ज्येष्ठ माह की अमावस्या तिथि को शनि जयंती (Shani Jayanti) मनाई जाती है। इस साल यह 6 जून, गुरुवार को पड़ रही है। इस दिन शनिदेव की विशेष पूजा करने की परंपरा है।
इस दिन शनिदेव की विधि-विधान से पूजा करने से शुभ फल की प्राप्ति होती है। साथ ही घर में सुख-शांति बनी रहती है। ज्योतिष शास्त्र में कहा गया है कि इस दिन यदि कोई खास उपाय कर लिए जाए, तो कई तरह के कष्टों से छुटकारा मिलता है।
कौवों को दें रोटी
भगवान शिव और शनि की कृपा पाने के लिए शनि जयंती (Shani Jayanti) पर कौवों को रोटी देनी चाहिए। कौए को सूर्यपुत्र शनि का वाहन कहा जाता है। इसके अलावा यह उन्हें बेहद प्रिय भी है। शनि जयंती के दिन कौवों को रोटी खिलाएं और उनके लिए एक कटोरा पानी भरकर रखें।
शनि दोष दूर करने के लिए
शनि जयंती (Shani Jayanti) के दिन अपने घर की छत के दरवाजे पर काले कपड़े में कपूर बांधकर लटका दें। फिर सूर्यास्त का इंतजार करें और इसे जला दें। इस प्रकार राहु का नकारात्मक प्रभाव समाप्त हो जाता है। इसके अलावा कुंडली से शनि दोष भी दूर हो जाता है। इस उपाय को करते समय किसी की नजर नहीं पड़नी चाहिए।
सरसों के तेल का दीपक
शनि जयंती (Shani Jayanti) के एक दिन पहले एक कटोरी में सरसों का तेल लेकर रख लें। इसके बाद उस तेल में कुछ काले तिल डालें और उसे शमी के पेड़ के पास रख दें। फिर शनि जयंती पर उसी तेल का दीपक जलाएं। इस प्रकार जीवन की सभी बाधाएं दूर हो जाती हैं।