• About us
  • Privacy Policy
  • Disclaimer
  • Terms & Conditions
  • Contact
24 Ghante Latest Hindi News
  • होम
  • राष्ट्रीय
    • उत्तराखंड
    • उत्तर प्रदेश
    • छत्तीसगढ़
    • हरियाणा
    • राजस्थान
  • राजनीति
  • अंतर्राष्ट्रीय
  • क्राइम
  • मनोरंजन
  • शिक्षा
  • स्वास्थ्य
  • धर्म
  • होम
  • राष्ट्रीय
    • उत्तराखंड
    • उत्तर प्रदेश
    • छत्तीसगढ़
    • हरियाणा
    • राजस्थान
  • राजनीति
  • अंतर्राष्ट्रीय
  • क्राइम
  • मनोरंजन
  • शिक्षा
  • स्वास्थ्य
  • धर्म
No Result
View All Result

शनि प्रदोष व्रत कब है, जानें शिव शंकर की पूजा-विधि

Writer D by Writer D
23/05/2025
in धर्म, फैशन/शैली
0
Shani Pradosh Vrat

Shani Pradosh Vrat

14
SHARES
176
VIEWS
Share on FacebookShare on TwitterShare on Whatsapp

हर माह में दो बार प्रदोष (Pradosh) व्रत पड़ता है। एक कृष्ण पक्ष में और एक शुक्ल पक्ष में। ज्येष्ठ माह के कृष्ण पक्ष का प्रदोष व्रत 24 मई, शनिवार को पड़ रहा है। शनिवार को पड़ने वाले प्रदोष व्रत को शनि प्रदोष व्रत कहा जाता है। हिंदू धर्म में प्रदोष व्रत का बहुत अधिक महत्व होता है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार सप्ताह के सातों दिन के प्रदोष (Pradosh) व्रत का अपना विशेष महत्व होता है। प्रदोष व्रत के दिन भगवान शिव शंकर की विधिपूर्वक पूजा करते हैं। यह पूजा शाम के समय में प्रदोष मुहूर्त में करते हैं। त्रयोदशी तिथि पर प्रदोष व्रत रखा जाता है।

मुहूर्त-

त्रयोदशी तिथि प्रारम्भ – मई 24, 2025 को 07:20 पी एम बजे

त्रयोदशी तिथि समाप्त – मई 25, 2025 को 03:51 पी एम बजे

प्रदोष काल – 07:10 पी एम से 09:13 पी एम

पूजाविधि-

शनि प्रदोष (Shani Pradosh) व्रत के दिन सुबह जल्दी उठें। स्नानादि के बाद स्वच्छ कपड़े धारण करें। घर के मंदिर की साफ-सफाई करें और शिव परिवार के प्रतिमा की पूजा आरंभ करें। मंदिर में घी का दीपक जलाएं। शिव-गौरी की प्रतिमा के समक्ष फल, फूल, धूप,दीप और नैवेद्य अर्पित करें। शिवमंत्रों का जाप करें। शिवजी समेत सभी देवी-देवताओं की आरती उतारें। इसके बाद शिवलिंग पर जल, बिल्वपत्र, आक के फूल समेत सभी पूजा सामग्री एकत्रित करें।

इसके बाद सायंकाल प्रदोष मुहूर्त में पूजा की तैयारी करें। संभव हो, तो शाम को दोबारा स्नान करें और शिव मंदिर जाएं। शिवलिंग पर जल अर्पित करें। भगवान भोलेनाथ को बेलपत्र, आक के फूल, धतूरा, भांग, गन्ना, शहद इत्यादि चढ़ाएं।

इसके बाद शनि प्रदोष (Shani Pradosh) व्रत की कथा सुनें। ऊँ नमः शिवाय मंत्र का जाप करें। शिवजी की आरती उतारें। पूजा समाप्त होने के बाद क्षमा-प्रार्थना मांगे। इसके बाद पीपल के वृक्ष के समीप सरसों के तेल का एक दीपक जलाएं। शनिदेव की पूजा-आराधना करें। शनिदेव के मंत्रों का जाप करें।

उपाय-

शिवलिंग पर जलाभिषेक करें : शनि प्रदोष व्रत (Shani Pradosh) के दिन शिवलिंग पर जल, काला तिल और शमी का पत्ता अर्पित करें। इसके बाद शिव चालीसा का पाठ करें। मान्यता है कि ऐसा करने से शनि के अशुभ प्रभावों से राहत मिलती है।

शिवलिंग पर बेलपत्र चढ़ाएं : शनि प्रदोष (Shani Pradosh) के दिन शिवलिंग पर 108 बेलपत्र अर्पित करें। इस दिन उड़द की दाल, काले जूते, वस्त्र समेत शनिदेव से संबंधित चीजों को दान करना लाभकारी माना गया है।

Tags: shani pradosh
Previous Post

इन सामग्री के बिना सफल नहीं होगा वट सावित्री व्रत, यहां देखें पूरी लिस्ट

Next Post

वट सावित्री व्रत में पूजन के बन रहे ये शुभ मुहूर्त

Writer D

Writer D

Related Posts

Sawan
फैशन/शैली

Sawan: ऐसे लगाएं घर में शिव की तस्‍वीर, छोटी सी भूल बन सकती हैं परेशानियों का कारण

13/07/2025
Face
Main Slider

मुरझा गई हैं फेस की स्किन, ऐसे करें खुद को रिफ्रेश

13/07/2025
Banana Raita
खाना-खजाना

आज बनाएं केले का रायता, खाते ही मुंह से निकलेगा वाह

13/07/2025
Neem
फैशन/शैली

स्किन की हर समस्य का समाधान हैं नीम

13/07/2025
Ganga Dussehra
Main Slider

Sawan: दिन में तीन बार रंग बदलता है ये शिवलिंग, महादेव पूरी करते हैं हर मुराद

13/07/2025
Next Post
Vat Savitri Vrat

वट सावित्री व्रत में पूजन के बन रहे ये शुभ मुहूर्त

यह भी पढ़ें

CM Dhami

भगवान शिव पर लिखी कॉफी टेबल बुक का मुख्यमंत्री ने किया विमोचन

30/07/2024

पिंपल्स से पाना है छुटकारा तो आज ही ट्राई करे इन टिप्स को

21/08/2021
benefits of hugging

पार्टनर को हग करना कर सकता है आपको उनके और भी ज्यादा करीब

10/03/2022
Facebook Twitter Youtube

© 2022 24घंटेऑनलाइन

  • होम
  • राष्ट्रीय
    • उत्तराखंड
    • उत्तर प्रदेश
    • छत्तीसगढ़
    • हरियाणा
    • राजस्थान
  • राजनीति
  • अंतर्राष्ट्रीय
  • क्राइम
  • मनोरंजन
  • शिक्षा
  • स्वास्थ्य
  • धर्म

© 2022 24घंटेऑनलाइन

Go to mobile version