सनातन धर्म में शनिश्चरी अमावस्या (Shanishchari Amavasya) का बहुत महत्व है। इस बार 14 अक्टूबर को सर्वपितृ अमावस्या के दिन शनिवार होने के नाते इस दिन शनिश्चरी अमावस्या मनाया जाएगा। इस दिन शनि देव की पूजा-आराधना करने और उपासना करने से शनि देव की कृपा प्राप्त होती है और दुख-दर्द से छुटकारा मिलता है।
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, शनिश्चरी अमावस्या (Shanishchari Amavasya) के दिन शनि देव की आराधना करने से व्यक्ति के जीवन में आ रहे दुखों से छुटकारा मिलता है और साथ ही सुख-समृद्धि और खुशहाली आती है।
सर्वपितृ अमावस्या के दिन शनि देव की कृपा पाने के लिए कुछ उपाय करने से जीवन में हर कष्ट से मिलेगी मुक्ति मिलती है। शनिश्चरी अमावस्या (Shanishchari Amavasya) तिथि पर शनि स्त्रोत का पाठ करें साथ ही, शनि मंत्र जाप से भी विशेष फलों की प्राप्ति होती है।
शनि महामंत्र
ॐ निलान्जन समाभासं रविपुत्रं यमाग्रजम।
छायामार्तंड संभूतं तं नमामि शनैश्चरम॥
शनि गायत्री मंत्र
ऊँ भगभवाय विद्महैं मृत्युरुपाय धीमहि तन्नो शनिः प्रचोद्यात्।
शनि दोष निवारण मंत्र
ऊँ त्रयम्बकं यजामहे सुगंधिम पुष्टिवर्धनम।
उर्वारुक मिव बन्धनान मृत्योर्मुक्षीय मा मृतात।।
ॐ शन्नोदेवीरभिष्टय आपो भवन्तु पीतये।शंयोरभिश्रवन्तु नः।
ऊँ शं शनैश्चराय नमः।।
स्वास्थ्य हेतु शनि मंत्र
ध्वजिनी धामिनी चैव कंकाली कलहप्रिहा।
कंकटी कलही चाउथ तुरंगी महिषी अजा।।