नई दिल्ली। राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) के प्रमुख शरद पवार ने आज गृह मंत्रालय द्वारा दी गई Z प्लस कैटेगरी की सुरक्षा लेने से इंकार कर दिया है। गृह मंत्रालय ने कुछ दिन पहले उन्हें Z प्लस सुरक्षा देने का निर्णय लिया था, जिसमें सीआरपीएफ के 58 कमांडोज उनकी सुरक्षा में तैनात किए जाने थे।
सूत्रों के मुताबिक, शरद पवार ने कहा है कि वह पहले यह जांच करेंगे कि उनके खिलाफ किस प्रकार का थ्रेट परसेप्शन है, और उसके बाद ही वह सुरक्षा लेने पर विचार करेंगे। उन्होंने इस संबंध में गृह मंत्रालय के कुछ अधिकारियों से जानकारी भी मांगी है। फिलहाल, शरद पवार ने आज Z प्लस सुरक्षा लेने से मना कर दिया है, और इस मामले में उनकी अगली कार्रवाई पर सभी की निगाहें टिकी हैं।
बता दें कि शरद पवार पहले भी जेड प्लस सिक्योरिटी को लेकर अपनी उदासीनता जाहिर कर चुके हैं। अभी हाल ही में जब उन्हें ये सुरक्षा दिए जाने का फैसला लिया गया था, पवार ने तब भी इस पर तंज कसा था। जेड प्लस सिक्योरिटी मिलने को लेकर उन्होंने अपनी प्रतिक्रिया में इसे जासूसी का जरिया बताया था। पवार ने कहा था कि उन्हें दी गई जेड प्लस सुरक्षा उनके बारे में “प्रामाणिक जानकारी” प्राप्त करने का एक तरीका हो सकता है, क्योंकि महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव नजदीक हैं।
केंद्र सरकार पर कसा था तंज
मीडिया द्वारा जेड-प्लस सुरक्षा मिलने को लेकर पूछे गए सवाल पर शरद पवार ने कहा कि उन्हें इस कदम के पीछे का कारण नहीं मालूम है। हालांकि उन्होंने केंद्र के फैसले पर शक जरूर जाहिर किया था। शरद पवार ने आगे कहा, ‘गृह मंत्रालय के एक अधिकारी ने मुझे बताया कि सरकार ने तीन व्यक्तियों को जेड प्लस सुरक्षा देने का फैसला किया है और मैं उनमें से एक था। मैंने पूछा कि अन्य दो कौन हैं। मुझे बताया गया कि आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह हैं।”
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उन्होंने चुटकी लेते हुए कहा था कि शायद चुनाव नजदीक आ रहे हैं, इसलिए यह (मेरे बारे में) प्रामाणिक जानकारी प्राप्त करने का एक तरीका हो सकता है। केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) के सशस्त्र कर्मियों की एक टीम को पवार के जेड प्लस सुरक्षा कवर का हिस्सा होगी। आधिकारिक सूत्रों ने पहले बताया था कि केंद्रीय एजेंसियों द्वारा खतरे का आकलन किया गया था और पवार के लिए एक मजबूत सुरक्षा कवर की सिफारिश की थी।