आश्विनी मास में शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा से शारदीय नवरात्रि (Sharadiya Navratri) का आरंभ होता हैं जो कि इस बार 3 अक्टूबर से होने जा रहा हैं। मातारानी के इस पावन पर्व पर देवी दुर्गा के नौ रूपों की पूजा होती है। देवी की कृपा पाने के लिए सभी आस्था रखते हुए व्रत रखते हैं और पूजा-पाठ करते हैं। मातारानी को प्रसन्न करने के लिए नवरात्रि आने से पहले कुछ काम जरूर कर लेने चाहिए। इसी के साथ ही व्रत टूट जाने पर पाप के भागीदार होने से बचने के लिए इस कड़ी में हम आपको कुछ उपाय बताने जा रहे हैं।
घर की साफ-सफाई करें
कोई भी शुभ काम करने से पहले घर की साफ-सफाई की जाती है। इसलिए नवरात्रि से 1-2 दिन पहले पूरे घर की सफाई करें। आप चाहे तो माता रानी का स्वागत करने के लिए घर पर पेंट भी करवा सकती है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, देवी दुर्गा उसी घर में निवास करती है जहां पर विशेष तौर पर साफ-सफाई हो। इसलिए आप भी देवी मां का आशीर्वाद पाने के लिए पूरे घर की अच्छे से सफाई करें।
मुख्य द्वार पर बनाएं स्वास्तिक
हिंदू धर्म में स्वास्तिक के निशान का विशेष महत्व है। इसलिए हर शुभ काम से पहले घर के मेन गेट पर स्वास्तिक का निशान बनाया जाता है। इसलिए आप भी नवरात्रि आने से पहले घर के मुख्य द्वार पर रोली, सिंदूर आदि से स्वास्तिक बना लें। मान्यता है कि इससे घर में सकारात्मक ऊर्जा प्रवेश करती है। ऐसे में घर का माहौल सुख-समृद्धि व खुशहाली आती है। साथ ही इस बात का ध्यान रखें कि यह स्वस्तिक खासतौर पर पूरे 9 दिनों तक बना रहे।
भूल से टूट जाए व्रत तो पाप से बचने के लिए करें ये उपाय
देवी मां से मांगे माफी
नवरात्रि (Sharadiya Navratri) के पावन दिनों में देवी दुर्गा के अलग-अलग रूपों कुछ पूजा होती है। ऐसे में अगर कोई व्रत खंडित हो जाएं तो जिस देवी मां उपवास रखा हो उनसे माफी मांगे। व्रतदोष से बचने व माता रानी को प्रसन्न करने के लिए पूजा करें। इसके लिए सबसे पहले जिस देवी मां का व्रत टूटा उनकी प्रतिमा को दूध, दही, शहद, गंगाजल, घी से पंचायत से स्नान कराएं। फिर माता रानी की पूजा करें। इसके साथ ही पूजा में गंध, अक्षत, फूलों और सोलह तरह की पूजा सामग्रियों का इस्तेमाल करें।
हवन करवाएं
जिस माता का उपवास खंडित हुआ हो घर पर उनका हवन करवाएं। फिर देवी मां से माफी मांगे। मान्यता है इस देवी मां जल्दी प्रसन्न होती हैं। माता रानी के मंत्रों का जाप करें। मान्यता है कि इससे मां जल्दी ही व्रतदोष से छुटकारा मिलता है। साथ ही माता रानी अपने बच्चों को आशीर्वाद देती हैं।
व्रतदोष से बचने के लिए किसी पंडित से पूछकर दान या पुण्य करें। मान्यता है कि दान करने से व्रतदोष से छुटकारा मिलता है।