शक्ति की आराधना का पर्व शारदीय नवरात्र (Shardiya Navratri) में मां दुर्गा के नौ स्वरूपों की विधि विधान से पूजा होती की जाती है। वैदिक पंचांग के अनुसार वर्ष में चार नवरात्र व्रत पड़ते हैं। जिसमें शारदीय नवरात्र (Shardiya Navratri) पर मां की विधि विधान से कलश स्थापना के साथ नौ स्वरूपों की विशेष पूजा होती है।
पौराणिक मान्यताओं के अनुसार , मां दुर्गा प्रसन्न होकर भक्तों को मनोकामना पूर्ण होने का आर्शीवाद प्रदान करती है। इस बार मां दुर्गा हाथी पर सवार होकर पृथ्वी पर आएगी।
हाथी पर सवार होकर आएगी मां दुर्गा
हाथी को पवित्र ,समृद्धि और ज्ञान का प्रतीक माना जाता हैं। ऐसे में मां दुर्गा अपने साथ सुख, समृद्धि लेकर आएंगी। 24 अक्टूबर 2023 को दशमी के दिन मुर्गे पर सवार होकर मां दुर्गा जाएगी, ये वाहन दुःख और कष्ट का संकेत देता है।
शारदीय नवरात्र (Shardiya Navratri) प्रारंभ
पंचांग के अनुसार इस साल शारदीय नवरात्र (Shardiya Navratri) 15 अक्टूबर 2023 दिन सोमवार से प्रारंभ होगा जबकि 24 अक्टूबर 2023 दिन मंगलवार को समाप्त होगा।
शारदीय नवरात्र (Shardiya Navratri) के पहले दिन ब्रह्म मुहूर्त और सुबह 11:44 बजे से 12:30 बजे तक अभिजीत मुहूर्त कलश स्थापित करना काफी लाभकारी होगा। 24 अक्टूबर 2023 को 06:27 बजे बाद किया जाएगा।
मां शैलपुत्री: 15 अक्टूबर 2023
मां ब्रह्मचारिणी की पूजा: 16 अक्टूबर 2023
मां चंद्रघंटा की पूजा: 17 अक्टूबर 2023
मां कूष्मांडा की पूजा: 18 अक्टूबर 2023
मां स्कंदमाता की पूजा: 19 अक्टूबर 2023
मां कात्यायनी की पूजा: 20 अक्टूबर 2023
मां कालरात्रि की पूजा: 21 अक्टूबर 2023
मां सिद्धिदात्री की पूजा: 22 अक्टूबर 2023
मां महागौरी की पूजा: 23 अक्टूबर 2023
विजयादशमी- 24 अक्टूबर 2023