नई दिल्ली। बाजार एक बार फिर नई उंचाई पर या उसके करीब है। लेकिन जो इक्विटी निवेशक स्टॉक्स अच्छी कीमत में खरीदना चाहते हैं उनके लिए चिंता की कोई बात नहीं है। पिछले वर्ष नौ नवंबर के बाद से सेंसेक्स 34 कारोबारी दिनों में 19 बार नए सर्वकालिक उच्च स्तर पर गया है। इस तरह से आधे से अधिक दिन ऐसे रहे हैं जब बाजार ने नए शीर्ष स्तर को छुआ है। अगर आप सेंसेक्स का पूरा इतिहास देखें तो यह कोई असामान्य बात नहीं है।
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इस तरह की सोच रखने वाले इस बात को नजरअंदाज कर देते हैं कि जब भी रिकॉर्ड ऊंचाई की बात होती है, तो हम इसकी तुलना गुजरे जमाने से करते हैं। निवेशकों का यह डर एक हद तक वाजिब है। बाजार रिकॉर्ड ऊंचाई पर या इसके करीब होने के साथ समस्या यह है कि निवेशक इसका यह मतलब लगा लेते हैं कि अभी निवेश नहीं करना चाहिए। इसका मतलब यह है कि बाजार का वास्तविक रिटर्न आम सोच के ठीक विपरीत है। जाहिर है कि लंबी अवधि में निवेश के लिहाज से रिकॉर्ड ऊंचाई वाले दिनों में निवेश करने का नुकसान है, लेकिन यह बहुत ज्यादा नहीं है। दूसरी तरफ मुनाफा काफी अधिक है।
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आखिरकार सभी तरह के निवेश का मुख्य लक्ष्य कम कीमत में खरीदना और ऊंची कीमत में बेचना है। ऐसे में उस समय स्टॉक्स को क्यों खरीदा जाए जब कीमतें रिकॉर्ड ऊंचाई पर हैं। दूसरी तरफ, कम कीमत में खरीदने और ऊंची कीमत में बेचने की बात करते समय हम तुलना भविष्य से करते हैं। बाजार की आज की रिकॉर्ड ऊंचाई भविष्य का निचला स्तर भी हो सकती है। निश्चित तौर पर हमेशा ऐसा ही होता रहा है।
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सभी दिनों के लिए तीन साल का कुल रिटर्न 67.7 प्रतिशत रहा, वहीं रिकॉर्ड ऊंचाई वाले दिनों के लिए कुल रिटर्न 55.3 प्रतिशत रहा और पांच साल के लिए सभी दिनों में निवेश का कुल रिटर्न 136.4 प्रतिशत रहा जबकि रिकॉर्ड ऊंचाई वाले दिनों में किए गए निवेश के लिए कुल रिटर्न 122.3 प्रतिशत रहा। इस बात को आंकड़ों के जरिए समझने के लिए मैंने सेंसेक्स के पूरे इतिहास पर गौर किया। इससे पता चला कि सेंसेक्स के सभी दिनों में 6.4 प्रतिशत दिन रिकॉर्ड ऊंचाई वाले रहे। फिर, पता चला कि रिकॉर्ड ऊंचाई के दिनों में निवेश करने पर एक वर्ष का औसत रिटर्न 22.3 प्रतिशत था, वहीं सभी दिनों के लिए रिटर्न का औसत 19.6 प्रतिशत रहा।