भोपाल। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ओडिशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक को पत्र लिखकर न सिर्फ अपने दुख का इजहार किया है, बल्कि कान्हा टाइगर रिजर्व में बाघिन को रखने का इंतजाम होने तक सतकोशिया टाइगर रिजर्व में ही उसकी बेहतर देखरेख करने का अनुरोध किया है। बाघिन 29 जून 2018 को बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व से सतकोशिया भेजी गई थी और नवंबर 2018 से बाड़े में कैद है, जहां उसकी ठीक से देखरेख भी नहीं हो रही है।
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मुख्यमंत्री चौहान ने पत्र में लिखा है कि ओडिशा सरकार के अनुरोध पर बाघ महावीर और बाघिन सुंदरी को बाघ पुनस्थापना कार्यक्रम के तहत जून 2018 में सतकोशिया भेजा गया था। बाघ महावीर की नवंबर 2018 में मौत हो गई और बाघिन को बाड़े में रख दिया गया। मुख्यमंत्री ने लिखा है कि पता चला है कि सतकोशिया में सुंदरी की देखरेख वन्यजीव अधिनियम के मानकों के अनुरूप नहीं हो रही है। जिस कारण उसका व्यवहार बदल गया है।
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मुख्यमंत्री चौहान ने बताया है कि एनटीसीए ने कान्हा, बांधवगढ़ और पेंच टाइगर रिजर्व में बाघ सफारी की अनुमति दे दी है। इनके निर्माण के बाद सुंदरी को कान्हा पार्क के घोरेला केंद्र में रखा जा सकता है। अभी इस केंद्र में एक अनाथ बाघ शावक शिकार का प्रशिक्षण ले रहा है। प्रशिक्षण पूरा होने के बाद इसे खुले वन क्षेत्र में मुक्त करने के बाद बाघिन को यहां लाया जा सकता है। तब तक बाघिन सतकोशिया में ही रहेगी, पर उसकी देखरेख का प्रबंध बेहतर हो जाए, ऐसे निर्देश संबंधितों को दें।