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सरफराज अहमद के मैदान पर जूते और पानी लाने पर भड़के शोएब अख्तर

नई दिल्ली| पाकिस्तान के पूर्व तेज गेंदबाज शोएब अख्तर को लगता है कि टीम प्रबंधन ने सरफराज अहमद को 12वां खिलाड़ी बनाकर उसका अपमान किया है। मैनचेस्टर में इंग्लैंड के खिलाफ पहले टेस्ट के दूसरे दिन सरफराज ने 12वें खिलाड़ी की जिम्मेदारी निभाई। 2016 के टी-20वर्ल्ड के बाद सरफराज को टीम का कप्तान बनाया गया था। चार साल टीम का नेतृत्व करने के बाद उन्हें कप्तानी से हटा दिया गया। पाकिस्तान और इंग्लैंड के बीच खेले जा रहे पहले टेस्ट मैच के 71वें ओवर के दौरान सरफराज शादाब खान के लिए पानी और जूते लेकर मैदान में पहुंचे। किसी भी पूर्व पाकिस्तानी कप्तान के लिए यह अपमानजनक है।

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शोएब अख्तर ने ‘बॉस न्यूज’ से कहा, ”मुझे यह दृश्य अच्छा नहीं लगा। यदि आप कराची के लड़के का यह उदाहरण पेश करना चाहते हो तो यह गलत है। आप चार साल पाकिस्तान क्रिकेट टीम की कप्तानी करने वाले के साथ ऐसा नहीं कर सकते। सरफराज ने पाकिस्तान को चैंपियंस ट्रॉफी जितवाई है। आप उन्हें जूते देकर मैदान में भेज रहे हैं। यदि वह खुद भी ऐसा करता, तब भी आपको उसे रोकना चाहिए थे। वसीम अकरम कभी मेरे लिए जूते नहीं लाए।”

सरफराज अहमद के नेतृत्व में पिछले साल आईसीसी वनडे वर्ल्ड कप 2019 में पाकिस्तान की टीम सेमीफाइनल में बड़ी मुश्किल से पहुंच पाई थी। तभी सरफराज की विश्वसनीयता पर सवाल उठने लगे थे। उन्हें अक्टूबर में कप्तानी और क्रिकेट के तीनों फॉर्मैट से बाहर कर दिया गया। अजहर अली को टेस्ट कप्तान और बाबर आजम को लिमिटेड ओवर्स का कप्तान बनाया गया।

शोएब अख्तर ने कहा, ”मुझे सरफराज कमजोर और दब्बू लगा। उन्हें पाकिस्तान का नेतृत्व उसी तरह करना चाहिए था,जैसे वह शूज लेकर मैदान में पहुंचे थे। यही वजह है कि मिकी आर्थर ने हमेशा उन्हें डोमिनेट किया। मैं यह नहीं कह रहा कि जूते लेकर जाना को समस्या है, लेकिन पूर्व कप्तान को ऐसा नहीं करना चाहिए।”

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हालांकि, राष्ट्रीय चयनकर्ता और टीम के कोच मिसबाह उल हक को शोएब अख्तर की टिप्पणियों में कुछ दिखाई नहीं दिया। उन्होंने कहा कि 12वें खिलाड़ी के रूप में पानी और जूते ले जाना उनके अपमान का प्रतीक नहीं है। सरफराज शानदार खिलाड़ी हैं। वह जानते हैं कि यह टीम गेम है। जब अन्य खिलाड़ी अभ्यास कर रहे हों तो जो खिलाड़ी उपलब्ध होता है वही मदद करता है, इसमें किसी का अपमान नहीं है। वास्तव में सरफराज अहमद के लिए यह बड़ी बात है कि उन्होंने इसे अन्यथा नहीं लिया। यह बात यह भी दिखाती है कि टीम कितनी अच्छी है।

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