इटावा। समाजवादी पार्टी (सपा) गठबंधन का हिस्सा बनने के प्रगतिशील समाजवादी पार्टी (प्रसपा) अध्यक्ष शिवपाल सिंह यादव का फैसला उनकी पार्टी के पदाधिकारियों को रास नहीं आ रहा है। इसका प्रमाण उनके गृह जिले इटावा में बुधवार को देखने को मिला जब पार्टी मुख्यालय पर बुलाई गई अहम बैठक में प्रसपा जिलाध्यक्ष सुनील यादव समेत कई पदाधिकारियों ने एक साथ अपने पदों से इस्तीफा दे दिया।
इस्तीफा देने के पीछे सभी पदाधिकारी अपने अपने निजी कारण बता रहे हैं लेकिन इसके पीछे कोई बड़ी राजनीति होती हुई दिखाई दे रही है जिसको लेकर कोई भी कुछ खुलकर बोलने के लिए तैयार नहीं है। पीएसपीएल के चोगुर्जी स्थित पार्टी आफिस में बैठक कर सुनील यादव समेत पूरी जिला कार्यकारणी ने इस्तीफा दे दिया है।
इस्तीफा देने वालों में महामंत्री कृष्ण मुरारी गुप्ता,नगर अध्यक्ष अनवार हुसैन, अधिवक्ता महासभा के जिला अध्यक्ष गौरव यादव, जिला कोषाध्यक्ष दीपक भदौरिया, पिछड़ा वर्ग जिला महासचिव गौरव शाक्य, छात्र सभा के जिला उपाध्यक्ष अंशुल यादव, भरथना के ब्लॉक अध्यक्ष जितेंद्र सिंह, प्रगतिशील समाजवादी पार्टी लोहिया की जिला इकाई के सदस्य शिवपाल सिंह शाक्य, सदस्य वीरेंद्र शंखवार आदि प्रमुख है।
सुनील यादव ने बताया कि पद पर रहते हुए सही ढंग से काम करने में कठिनाई आ रही थी इस वजह से अपने पद से त्यागपत्र दे रहे हैं। त्यागपत्र देने का निर्णय उनका खुद का है इसके पीछे कोई और शामिल नहीं है। उन्होंने कहा कि भले ही वह प्रगतिशील समाजवादी पार्टी लोहिया के जिला अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे रहे हो लेकिन इसके बावजूद भी शिवपाल सिंह यादव के प्रति उनका समर्पण लगातार पहले की तरह से बदस्तूर जारी रहेगा।
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उन्होंने कहा कि पिछले पांच साल में जो लोग हमारे साथ में लगातार कंधे से कंधा मिलाकर के साथ चले हैं उन सभी का बहुत-बहुत आभार जब कभी भी उनको हमारी जरूरत पड़ेगी तो हम पहले की तरह ही उनके साथ खड़े हुए नजर आएंगे।
महामंत्री कृष्ण मुरारी गुप्ता ने कहा कि वह अपनी पार्टी के जिला अध्यक्ष सुनील यादव के निर्णय में उनके साथ में हर हाल में खड़े हुए हैं इसीलिए वह भी अपने पद से इस्तीफा दे रहे हैं उन्होंने कहा कि जो बातें जिला अध्यक्ष की तरफ से रखी गई है उसमें उनकी भी रजामंदी है।
इस्तीफा देने का ऐलान कर चुके कोषाध्यक्ष दीपक भदौरिया बताते हैं कि उनके सामने कई तरह के संकट आ करके खड़े हुए हैं जिसमें उनको पार्टी के कोषाध्यक्ष पद से इस्तीफा देना ही सबसे बेहतर विकल्प लगा है और इसी वजह से वह पार्टी के कोषाध्यक्ष पद से अपने आपको अलग करते हुए इस्तीफा दे रहे हैं लेकिन उनका समर्पण पार्टी के प्रमुख शिवपाल सिंह यादव के प्रति पहले की तरह ही यथावत रहेगा।