भोपाल। इंदौर की सेंट्रल जेल (Indore Central Jail) में आज (मंगलवार) श्राद्ध पक्ष (Shraddha) को देखते हुए तर्पण कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इसमें बड़ी संख्या में पुरुष और महिला कैदी शामिल हुए। इंदौर के सेंट्रल जेल में पहली बार इस तरह का आयोजन किया गया, जिसमें कैदियों ने अपने पितरों को याद करते हुए तर्पण किया। इस दौरान बाकायदा उज्जैन के प्रसिद्ध विद्वानों के द्वारा वैदिक मंत्रोच्चार भी किया गया। बता दें कि इंदौर के सेंट्रल जेल में पहली बार इस तरह की व्यवस्था तर्पण के लिए की गई है।
दरअसल इंदौर सेंट्रल जेल में कई कैदी ऐसे हैं जो हत्या और विभिन्न तरह के मामलों में आजीवन कारावास काट रहे हैं। वहीं जेल में होने के कारण यह लोग पित्र पक्ष में अपने पितरों का पूजन और तर्पण नहीं कर पाते हैं। वहीं जब इस बात की जानकारी सेंट्रल जेल अधीक्षक अलका सोनकर को लगी तो उन्होंने उज्जैन के पुजारी से संपर्क किया।
उज्जैन की सिद्धवट मिट्टी का उपयोग
इसके बाद जेल के अंदर ही उज्जैन की सिद्धवट स्थित मिट्टी का उपयोग कर कार्यक्रम किया गया। इस कार्यक्रम में उज्जैन के मुख्य पुजारी के द्वारा कैदियों के उनके पूर्वजों को लेकर अनुष्ठान करवाया गया। तो वहीं श्राद्ध के दिनों में उनका पूजन भी किया गया। मुख्य पुजारी का यह भी कहना है कि जिस तरह से उज्जैन में सिद्धवट में लोग जाकर अपने पितरों की याद में कार्यक्रम करते हैं। उसी तरह सिद्धवट की मिट्टी को यहां पर लाकर उसका उपयोग करके यहां पर कार्यक्रम किया जा रहा है।
पितरों को याद कर तर्पण
इसमें बकायदा कैदियों के द्वारा पूरी श्रद्धा के साथ अपने पितरों को याद कर उनके नाम पर तर्पण किया गया। वहीं सेंट्रल जेल अधीक्षक ने तर्पण के कार्यक्रम में जो भी पूजन सामग्री लगती है, वह इसमें शामिल सभी कैदियों को उपलब्ध करवाई। इंदौर के सेंट्रल जेल में पहली बार इस तरह की व्यवस्था तर्पण के लिए की गई है।
जेल अधीक्षक ने मंगाई पूजन सामग्री
तर्पण के लिए जो भी पूजन सामग्री लगती है, वह जेल अधीक्षक ने कैदियों को उपलब्ध करवाई। वहीं पुजारी की व्यवस्था भी सेंट्रल जेल अधीक्षक ने करवाई, जिसके द्वारा वैदिक मंत्रोच्चार के साथ यहां पर कार्यक्रम किया गया। वहीं कैदियों ने भी इस कार्यक्रम में बढ़ चढ़कर हिस्सा लिया। कैदियों का कहना है कि जिस तरह से सेंट्रल जेल अधीक्षक ने उनकी भावनाओं का ध्यान रखा वह काफी सराहनीय है।