नई दिल्ली/मणिपुर। सुप्रीम कोर्ट ने मणिपुर हिंसा (Manipur violence) मामले की सुनवाई करते हुए सोमवार बड़ा आदेश दिया है। कोर्ट ने कहा कि वो हिंसा की जांच के लिए एसआईटी गठित करेगा, जिसमें एक महिला जज को भी शामिल किया जाएगा। हिंसा पीड़ितों की याचिका पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस ने कहा है कि मणिपुर राज्य में हीलिंग टच की भी जरूरत है।
राज्य में हिंसा बेरोकटोक चल रही है। ऐसे में अदालत की ओर से नियुक्त समिति से यह संदेश जाएगा की सुप्रीम कोर्ट ने मामले पर ध्यान दिया है।
चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ ने कहा है कि समिति गठित करने के दो तरीके हैं। यहां हम खुद समिति का गठन कर रहे हैं। जिसमें महिला जज और डोमेन विशेषज्ञ भी शामिल रहेंगे। यह बात अलग है कि महिला या पुरुष से कोई फर्क नहीं पड़ेगा, लेकिन महिलाएं होनी चाहिए, क्योंकि वो पीड़ितों के साथ बातचीत करेंगी।
सीजेआई ने कहा कि एसआईटी का गठन सिर्फ यह पता लगाने की कोशिश के संदर्भ में नहीं है कि राज्य में क्या हुआ है। बल्कि हमें वहां जीवन का पुनर्निर्माण करने की भी जरूरत है।
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सीजेआई ने सरकार से सवाल करते हुए कहा कि हमें यह जानने की जरूरत है कि 6000 एफआईआर में कितनी जीरो एफआईआर हैं और कितनी न्यायिक मजिस्ट्रेट के पास भेजी गई हैं, कितनी यौन हिंसा जुड़ी हैं और कितने लोग न्यायिक हिरासत में हैं, 164 के तहत के कितने लोगों के बयान दर्ज किए गए हैं?