अयोध्या में श्री राम जन्मभूमि पर भव्य मंदिर निर्माण के लिए बनाई जा रही नींव की पहली बार तस्वीरें सामने आई हैं। नींव की छह लेयर तैयार हो चुकी हैं। कुल 44 लेयर बनाई जानी हैं। ताउते और यास तूफान के कारण हुई बारिश के चलते पिछले कुछ दिनों से काम बंद था, जो सोमवार से फिर शुरू हो गया। श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय सोमवार को कामकाज देखने के लिए मंदिर परिसर पहुंचे। उन्होंने बताया कि यह काम अगले अगस्त महीने तक पूरा होगा।
चंपत राय ने बताया कि 400 फीट लंबाई और 300 फीट चौड़ाई क्षेत्र (1.20 लाख वर्ग फीट) में नींव बन रही है। इसमें 44 लेयर बनाई जानी हैं। लेयर 12 इंच मोटाई में बिछाई जाती है। रोलर चलाने पर यह 2 इंच दबकर 10 इंच रह जाती है। इसके बाद दूसरी लेयर बिछाते हैं।
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महासचिव चंपत राय ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राम मंदिर के लिए समुद्र तल से 105 मीटर ऊपर की भूमि पर पूजन किया था। अब इस भूमि से मलबा हटा दिया गया। समतलीकरण के बाद यह जमीन अब समुद्र तल से 93 मीटर ऊपर है।
अयोध्या में राम मंदिर नींव की खुदाई से निकली मिट्टी को राम मंदिर की धरोहर का रूप देकर इसे घर-घर पहुंचाने की योजना पर काम शुरू किया गया था। रोजाना यहां रामलला का दर्शन करने के लिए पहुंचने वाले श्रद्धालुओं की भीड़ इसे पवित्र रजकण मानकर इसकी पैक्ड डिब्बी अपने साथ ले जा रही थी। लेकिन कोरोना के कारण कुछ दिनों से यह बंद है।
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श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के कार्यालय प्रभारी प्रकाश गुप्ता का कहना है कि मंदिर निर्माण से निकली मिट्टी कारसेवक पुरम में रखी है। मठ-मंदिरों के संतों ने श्रद्धालुओं को राम मंदिर स्थल से मिले रजकण देने की मांग की थी, जो छोटी डिब्बी में पैक करके कारसेवक पुरम से वितरित की जा रही थी।