कार्तिक महीने के शुक्ल पक्ष की षष्ठी तिथि के दिन स्कंद षष्ठी (Skanda Shashthi ) का व्रत रखा जाता है। षष्ठी तिथि का दिन भगवान कार्तिकेय को समर्पित होता है। इस कारण से इस दिन को कुमार षष्ठी के नाम से भी जाना जाता है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, स्कंद षष्ठी (Skanda Shashthi ) के दिन व्रत रखने से जातक की सभी मनोकामनाएं पूर्ण हो सकती हैं व जीवन में खुशहाली आती है। भगवान स्कंद को सुब्रमण्यम, कार्तिकेयन, व मुरुगन आदि नामों से भी जाना जाता है। आइए जानते हैं नवंबर में स्कंद षष्ठी व्रत की पूजा-विधि, शुभ मुहूर्त, व महत्व-
नवंबर में स्कंद षष्ठी (Skanda Shashthi ) का मुहूर्त-
दृक पंचांग के अनुसार, कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की षष्ठी तिथि 06 नवंबर की रात 12 बजकर 41 मिनट से आरंभ हो चुकी है, जो कि 07 नवंबर को रात 12 बजकर 34 मिनट तक रहेगी। उदया तिथि के अनुसार, 07 नवंबर को स्कंद षष्ठी का व्रत रखा जाएगा। रवि योग- सुबह 11:47 बजे से अगले दिन सुबह 06:38 बजे तक रहेगा।
स्कंद षष्ठी (Skanda Shashthi ) पूजा की विधि-
1- स्नान आदि कर मंदिर की साफ सफाई करें।
2- भगवान श्री कार्तिकेय का जलाभिषेक करें।
3- प्रभु का पंचामृत सहित गंगाजल से अभिषेक करें।
4- अब प्रभु को पूजन सामग्री माला, पुष्प, अक्षत, कलावा, सिंदूर और चंदन आदि अर्पित करें।
5- मंदिर में घी का दीपक प्रज्वलित करें।
6- पूरी श्रद्धा के साथ भगवान कार्तिकेय की आरती करें।
7- प्रभु को श्रद्धा अनुसार भोग लगाएं।
8- अंत में क्षमा प्रार्थना भी करें।
इस मंत्र का करें जाप- देव सेनापते स्कंद कार्तिकेय भवोद्भव।
कुमार गुह गांगेय शक्तिहस्त नमोस्तु ते॥