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महाकाल मंदिर में खुदाई के दौरान अब कंकाल और हडि्डयां मिले, एक्सपर्ट बोले- ‘ये जांच का विषय’

महाकाल मंदिर में खुदाई के दौरान अब कंकाल और हडि्डयां मिले

भोपाल. मध्य प्रदेश में उज्जैन की महाकालेश्वर मंदिर में 11वीं शताब्दी के मंदिर और मूर्तियां मिलने के बाद अब खुदाई के दौरान नर कंकाल और हडि्डयां मिली हैं। यहां काम करने वाले सभी सहम गए हैं।

दरअसल स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के तहत महाकाल मंदिर की विस्तारीकरण किया जा रहा है। मई माह से हुई खुदाई की शुरुआत में पहले छोटी-छोटी मूर्तियां और कुछ दीवारें मिलीं। पता चला, ये मूर्तियां अति प्राचीन हैं, तो कलेक्टर ने भोपाल पुरातत्व विभाग की टीम को बुलवाया। उन्हीं की देखरेख में खुदाई करवाई की गई। धीरे-धीरे खुदाई में परमार कालीन समय में बनवाई गई अलग-अलग मूर्तियां और करीब 1000 वर्ष पुराना मंदिर का ढांचा मिला। अब जैसे-जैसे खुदाई होती जा रही है, कई चौंकाने वाले रहस्य सामने आ रहे हैं।

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खुदाई में कंकाल या हड्डियां की होनी चाहिए जांच

खुदाई कर रहे रिसर्चर डॉक्टर गोविंद सिंह बताते हैं, खुदाई के दौरान नरकंकाल और हड्डियां निकल रही हैं। इनका अलग से परीक्षण किया जाना चाहिए, लेकिन खुदाई में मानव हड्डी और जानवरों की हड्डी निकलना सामान्य है। माना जा रहा है, जब 1000 वर्ष पुराना मंदिर का ढांचा निकला है। उस समय कि पुरातत्व धरोहरों से पता चलता है कि मुगलों द्वारा जब मंदिरों पर हमला कर लूटपाट की गई थी, उसके प्रमाण इन मंदिरों पर मिल रहे हैं, तो उस समय मुगल आतताईयों ने नरसंहार भी किए थे। यह प्राचीन नरकंकाल और मानव हड्डियां उन नरसंहारों का प्रमाण तो नहीं। इसका प्रमाण भी जांच के बाद ही पता चलेगा।

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अब तक खुदाई में ये मिला

डॉ. गोविन्द सिंह जोधा ने कहा कि मंदिर में खुदाई के दौरान अब तक 11वीं शताब्दी का परमार कालीन मंदिर , शिव परिवार की मूर्तियां, मंदिर स्थापत्य खंड उसके भाग, वास्तु खंड, मंजरी, कलश, आमलक, मंदिर के ऊपर 6 फीट का मिट्‌टी जमा थी।

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कंकाल और हड्डियां साधु-संतों के होने का भी दावा

मंदिर के मुख्य पुजारी महेश पुजारी ने कहा कि नर कंकाल मिलना रिसर्च का विषय है। संभवतः अग्र भाग में पहले कई साधु-संत रहते थे। उस दौरान संतों की समाधि होती थी। ये भी हो सकता है कि कंकाल या हड्डियां उन्हीं साधु-संतों की हों।

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