जयपुर के सवाई मानसिंह अस्पताल (SMS Hospital) के ट्रॉमा सेंटर में आग लगने की दर्दनाक घटना में 8 मरीजों की मौत हो गई। इस हादसे के बाद राजस्थान सरकार ने मृतक परिवारों को 10 लाख रुपये का मुआवज़ा देने की घोषणा की है। राज्य सरकार ने मृतकों के परिजनों के साथ हर संभव मदद सुनिश्चित करने और उन्हें संवेदनशीलता के साथ समर्थन देने का भरोसा दिया है।
इस गंभीर आग हादसे की गहन जांच के लिए सरकार ने 6 सदस्यीय उच्च स्तरीय समिति बनाई है। इस समिति की अध्यक्षता मेडिकल एजुकेशन कमिश्नर करेंगे और उन्हें जल्द से जल्द रिपोर्ट सौंपने के निर्देश दिए गए हैं। समिति हादसे के सभी पहलुओं की जांच करेगी और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई के सुझाव पेश करेगी।
चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री गजेन्द्र सिंह खींवसर ने कहा कि आईसीयू की मरम्मत और मरीजों के लिए वैकल्पिक व्यवस्थाओं को तुरंत सुनिश्चित करने के निर्देश जारी किए गए हैं। उन्होंने बताया कि सरकार पीड़ित परिवारों के साथ हर संभव सहयोग के लिए प्रतिबद्ध है।
एसएमएस अस्पताल (SMS Hospital) और ट्रॉमा सेंटर के सुपरिटेंडेंट हटाए गए
आग लगने की घटना के बाद सरकार ने तत्काल कार्रवाई करते हुए SMS अस्पताल (SMS Hospital) के सुपरिटेंडेंट डॉ. सुशील भाटी और ट्रॉमा सेंटर के सुपरिटेंडेंट डॉ. अनुराग धाकड़ को उनके पदों से हटा दिया। साथ ही, कार्यकारी अभियंता मुकेश सिंघल को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया।
घटना में कथित लापरवाही के लिए एसके इलेक्ट्रिक कंपनी पर भी कार्रवाई की गई। कंपनी का कॉन्ट्रैक्ट रद्द कर दिया गया है और उसके खिलाफ एफआईआर दर्ज कराने के निर्देश दिए गए हैं।
सरकार ने घटना की पूरी जांच के साथ ही भविष्य में ऐसी घटनाओं से बचने के लिए सुरक्षा मानकों को और कड़ा करने का भी आश्वासन दिया है। इस गंभीर हादसे ने अस्पतालों में सुरक्षा और फायर सेफ्टी को लेकर नए सिरे से सतर्क रहने की आवश्यकता को उजागर किया है।