इस बार भाद्रपद माह की अमावस्या सोमवार के दिन है। सोमवार के दिन ऐसा होने पर इसे सोमवती अमावस्या (Somvati Amavasya) के नाम से जाना जाता है। इसे बहुत शुभ भी माना जाता है। इस दिन दानपूर्ण का काम करने से सारी समस्याओं का समाधान हो जाता है। लेकिन इसके कुछ नियम भी हैं। इन नियमों का पालन न करने पर नुकसान की स्थिति बन सकती है। सोमवती अमावस्या के दिन कुछ ऐसे काम हैं जो नहीं करने चाहिए। इससे नकारात्मकता को बढ़ावा मिलता है और इंसान परेशान हो जाता है। आइये जानते हैं कि क्या हैं वो काम।
भूलकर न करें ये काम
सोमवती अमावस्या (Somvati Amavasya) के दिन नशे से दूर रहें और शराब का सेवन न करें। लेहसुन-प्याज और मांस-मछली भी इस दिन खाने से बचना चाहिए। इसके अलावा इस दिन सात्विक आहार लेने की कोशिश करनी चाहिए। साथ ही इस बात का भी ध्यान रखें कि इस दिन तुलसी जी को जल न चढ़ाएं। ऐसा करना भी सही नहीं माना गया है। इसके अलावा इस दिन किसी मजार, कब्रिस्तान या फिर श्मशान घाट जैसी जगहों पर जानें से बचें। इस दिन क्रोध न करें, किसी के साथ गलत व्यवहार न करें। ऐसा करने का भी आपको नेगेटिव रिजल्ट मिल सकता है।
ये 5 काम करने से बचें-
– तुलसी को जल न चढ़ाएं
– सूनसान जगहों पर न जाएं
– मांस-मछली का सेवन न करें
– मदिरा का सेवन न करें
– बेवजह किसी का बुरा न करें
2 दिन है सोमवती अमावस्या (Somvati Amavasya)
इस बाद सोमवती अमावस्या (Somvati Amavasya) दो दिन पड़ रही है। इसकी तारीख को लेकर काफी कन्फ्यूजन देखने को मिल रही है। भाद्रपद माह के कृष्ण पक्ष की अमावस्या 2 सितंबर को सुबह 5 बजकर 21 मिनट पर आरंभ हो जाएगी। सूर्योदय का समय 6 बजे का है। और इसका समापन 3 सितंबर 2024 को 7 बजकर 54 मिनट पर होगा। इस वजह से इस बार सोमवती अमावस्या 2 दिन मनाई जा रही है।
करें भगवान शिव की पूजा
सोमवार का दिन भगवान शिव का दिन माना जाता है। सोमवती अमावस्या (Somvati Amavasya) के दिन भगवान शिव की पूजा करने के कई लाभ हैं। इसके अलावा इस दिन अपने पितरों को याद करें और उनकी अराधना करें। इस दिन आप पिंडदान करें। इस दिन 3 अलग-अलग तरह का दान करना चाहिए। साथ ही सोमवती अमावस्या के मौके पर गंगा स्नान करना भी शुभ है।