• About us
  • Privacy Policy
  • Disclaimer
  • Terms & Conditions
  • Contact
24 Ghante Latest Hindi News
  • होम
  • राष्ट्रीय
    • उत्तराखंड
    • उत्तर प्रदेश
    • छत्तीसगढ़
    • हरियाणा
    • राजस्थान
  • राजनीति
  • अंतर्राष्ट्रीय
  • क्राइम
  • मनोरंजन
  • शिक्षा
  • स्वास्थ्य
  • धर्म
  • होम
  • राष्ट्रीय
    • उत्तराखंड
    • उत्तर प्रदेश
    • छत्तीसगढ़
    • हरियाणा
    • राजस्थान
  • राजनीति
  • अंतर्राष्ट्रीय
  • क्राइम
  • मनोरंजन
  • शिक्षा
  • स्वास्थ्य
  • धर्म
No Result
View All Result

साल की आखिरी अमावस्या कब है, जानें महत्व

Writer D by Writer D
19/12/2024
in धर्म, फैशन/शैली
0
14
SHARES
176
VIEWS
Share on FacebookShare on TwitterShare on Whatsapp

हिंदू धर्म में अमावस्या तिथि का को बहुत ही महत्वपूर्ण माना जाता है। इस दिन पवित्र नदियों में स्नान -दान करने के साथ पितरों का तर्पण और पिंडदान करने से पूर्वजों का आशीर्वाद मिलता है। इस बार पौष माह की अमावस्या तिथि सोमवार के दिन पड़ रही है। ऐसे में यह सोमवती अमावस्य (Somvati Amavasya) कहलाएगी। हिंदू धर्म में सभी अमावस्य तिथि में से मौनी और सोमवती अमावस्य को सबसे महत्वपूर्ण माना जाता है। इस दिन भगवान की पूजा करना बहुत ही फलदायी होता है।

पौष अमावस्या (Somvati Amavasya)

साल की आखिरी सोमवती अमावस्या तिथि 30 दिसंबर सोमवार को है। उस दिन पौष अमावस्या होगी। तीसरी सोमवती अमावस्या 30 दिसंबर को सुबह 04 बजकर 01 से लेकर 31 दिसंबर को सुबह 03 बजकर 56 मिनट तक है।

पौष अमावस्या (Somvati Amavasya) स्नान-दान शुभ मुहूर्त

पौष माह की सोमवती अमावस्य के दिन स्नान दान के लिए ब्रह्म मुहूर्त की शुरुआत सुबह 5 बजकर 24 मिनट से सुबह 6 बजकर 19 मिनट पर समाप्त हो जाएगी। वहीं इस दिन अभिजीत मुहूर्त दोपहर 12 बजकर 03 मिनट से दोपहर 12 बजकर 45 मिनट तक रहेगा। वृद्धि योग सुबह से लेकर रात 8 बजकर 32 मिनट तक है।

अमावस्या तिथि पर स्नान-दान का महत्व

पौष माह यानी साल की आखिरी अमावस्या तिथि सोमवार के दिन पड़ने के इसका महत्व और बढ़ गया है। सोमवती अमावस्या के दिन भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा करना बहुत शुभ होता है, क्योंकि यह दिन भगवान शिव को समर्पित है। मान्यता है इस दिन भगवान शिव की अराधना करने से घर में सुख-समृद्धि आती है। इसके अलावा सोमवती अमावस्या के दिन पवित्र नदियों में स्नान करने के साथ पित्तरों का तर्पण और पिंडदान करने से व्यक्ति को पित्तरों का आशीर्वाद प्राप्त होता है और पितृदोष से मुक्ति मिलती है।

Tags: Somvati Amavasya 2024somvati-amavasya
Previous Post

रुक्मिणी अष्टमी कब है, यहां जानें पूजा विधि से मंत्र तक

Next Post

नॉनवेज के शौकीन ट्राई करें चिकन शाही रोल

Writer D

Writer D

Related Posts

Idli Chaat
Main Slider

यह डिश नाश्ते में लगा देगी चार चांद, रोज होगी बनाने की डिमांड

03/10/2025
potato momos
खाना-खजाना

इस डिश का नाम सुनते ही खुशी के मारे उछलने लगेंगे बच्चे, बनाना भी है बेहद आसान

03/10/2025
Dosa
खाना-खजाना

सबका मन मोह लेगी ये डिश, फिर इसके लिए हमेशा रहेंगे तैयार

03/10/2025
chutney
खाना-खजाना

बोरिंग लंच-डिनर को टेस्टी बना देगी ये चटनी, नोट करें रेसिपी

03/10/2025
Maggi
खाना-खजाना

मैगी के स्वाद को दे नया ट्विस्ट, दो मिनट में हो जाएगी खल्लास

03/10/2025
Next Post
Chicken Shahi Roll

नॉनवेज के शौकीन ट्राई करें चिकन शाही रोल

यह भी पढ़ें

Durga Shankar Mishra

दुर्गा प्रसाद मिश्रा होंगे यूपी के नए मुख्य सचिव

29/12/2021
Mamta Banerjee

ममता ने PM को लिखा पत्र, कहा- 70 पीएसए प्लांट्स की जगह सिर्फ चार मिल रहे

14/05/2021
Horoscope

27 जून राशिफल: इन राशियों को मिलेगी गुड न्यूज

27/06/2022
Facebook Twitter Youtube

© 2022 24घंटेऑनलाइन

  • होम
  • राष्ट्रीय
    • उत्तराखंड
    • उत्तर प्रदेश
    • छत्तीसगढ़
    • हरियाणा
    • राजस्थान
  • राजनीति
  • अंतर्राष्ट्रीय
  • क्राइम
  • मनोरंजन
  • शिक्षा
  • स्वास्थ्य
  • धर्म

© 2022 24घंटेऑनलाइन

Go to mobile version