नई दिल्ली| सोयाबीन डीगम की दूसरे तेलों में मिलाने के लिये मांग होने तथा दूसरे तेलों के मुकाबले सस्ता होने और पाम तेल में मांग बढ़ने से दिल्ली तेल तिलहन बाजार में शुक्रवार को इन दोनों आयातित तेलों के भाव बढ़त के साथ बंद हुए। बाजार सूत्रों ने कहा कि हल्के तेलों में सबसे सस्ता होने के कारण सोयाबीन की त्योहारी मांग है और इसके अलावा दूसरे तेलों में मिश्रण के लिए भी इस तेल की मांग है।
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उन्होंने कहा कि विदेशों से सोयाबीन दाने का आयात बढ़ने से यहां सोयाबीन दाना और लूज में गिरावट रही। आयातित सोयाबीन सस्ता है और यह देश के किसानों के लिए अच्छी खबर नहीं है। सूरजमुखी तेल का भाव न्यूनतम समर्थन (एमएसपी) से 20 प्रतिशत नीचे चल रहा है इस स्थिति को संभालने की आवश्यकता है।
बाजार सूत्रों ने कहा कि तेल उत्पादन में हमें आत्मनिर्भरता हासिल करनी होगी और विदेशों से आयात पर निर्भरता को कम करना होगा। इसके लिए यह सुनिश्चित करना होगा कि किसानों को उनकी उपज का न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) उपलब्ध हो। तभी किसान प्रोत्साहित होंगे और तिलहन उत्पादन बढ़ेगा।