शामिली। यूपी चुनाव में समाजवादी पार्टी ने जब से नाहिद हसन को कैराना से अपना उम्मीदवार बनाया है, पार्टी के लिए मुसीबत बढ़ती जा रही है। पहले नामांकन करने के दौरान नाहिद हसन को गिरफ्तार किया गया था और अब कोर्ट में उनकी जमानत याचिका को भी खारिज कर दिया गया है।
कैराना की फास्ट ट्रैक कोर्ट ने सपा प्रत्याशी नाहिद हसन की जमानत याचिका खारिज की है। कोर्ट के अंदर आधे घंटे तक सुनवाई चली थी, हर किसी को अपना पक्ष रखने का मौका मिला था। लेकिन फिर फैसला सुनाते हुए कोर्ट ने नाहिद हसन की जमानत याचिका ही खारिज कर दी। वैसे नाहिद की उम्मीदवारी पर पहले से ही विवाद चल रहा है।
उन पर पहले से कई आपराधिक केस दर्ज हैं। जमीन खरीदने के मामले में उन पर धोखाधड़ी का भी केस चल रहा है। शामली की विशेष कोर्ट उन्हें भगोड़ा तक घोषित कर चुकी है। वहीं बीजेपी की माने तो कैराना से जो हिंदुओं का पलायन हुआ है, उसमें भी सपा के नाहिद हसन की अहम भूमिका रही है। ऐसे में जब से सपा ने उन्हें अपना उम्मीदवार बनाया है, बीजेपी हमलावर हो गई है। इसके अलावा यूपी पुलिस द्वारा नाहिद, उनकी मां और 38 अन्य लोगों के खिलाफ गैंगस्टर एक्ट तहत कार्रवाई भी की गई है।
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अभी के लिए सपा प्रमुख अखिलेश यादव ये कहकर विवाद ठंडा कर रहे हैं कि वे किसी और को अपना उम्मीदवार घोषित कर देंगे, लेकिन बवाल थमने के बजाय बढ़ता जा रहा है। वैसे इस विवाद के बीच अब समाजवादी पार्टी ने आजम खान के बेटे अब्दुल्ला आजम को भी टिकट देने का मन बनाया है। ऐसी खबर है कि इस चुनाव में अब्दुल्ला आजम को भी चुनावी मैदान में उतारा जा सकता है। कहा से उन्हें उम्मीदवार बनाया जाएगा, इस पर सस्पेंस है।