आजमगढ़। गोपालपुर विधानसभा के परशुरामपुर में शुक्रवार को चुनावी जनसभा में उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य (Keshav Maurya) ने कहा कि वर्ष 2017 से वर्ष 2022 तक जो काम हुआ है व तो ट्रेलर है। प्रधानमंत्री ने सभी नेताओं से कहा कि पिक्चर तो दस मार्च 2022 से वर्ष 2027 तक निकालना है।
उन्होंने नारा दिया 100 में 60 हमारा है, चालीस में बंटवारा है और बंटवारे में भी हमारा है। समाजवादी पार्टी अर्धशतक भी नहीं लगा पायेगी। इस बार तो मैनपुरी और करहल में भी कमल खिलने वाला है। छह चरणों में साइकिल पहले उड़ी तो सैफई में जाकर गिरी और अब उड़कर बंगाल की खाड़ी में जा रही है।
छठे चरण में हम छक्का मारने जा रहे : केशव मौर्य
गोपालपुर विधानसभा के परशुरामपुर के मैदान में उपमुख्यमंत्री ने योगी सरकार के पांच वर्षों के विकास कार्यों की चर्चा करते हुए भाजपा प्रत्याशी सत्येन्द्र राय को जिताने की अपील की। महिलाओं से कहा कि इस वर्ष होली और दीवाली में मुफ्त रसोई गैस देने जा रहे हैं। महिलाओं की सुरक्षा को सरकार ने पांच वर्षों तक सर्वोपरि रखा है।
सपा-बसपा एक ही थाली के चटटे बट्टे हैं : केशव मौर्य
उन्होंने कहा कि चुनाव में पश्चिम बंगाल से आकर ममता बनर्जी कूद गयी हैं, जिनको जयश्रीराम और जय माता दी से डर लगता था। आज काशी में आयी है। हर-हर महादेव का नारा लगा तो ममता दीदी चिढ़ गयी। उन्होंने कहा कि दीदी यह पश्चिम बंगाल नहीं है, वर्ष 2024 में बंगाल में भी कमल खिलायेंगे। यहां तो वर्ष 2022 में कमल खिलने ही जा रहा है।
दस मार्च के बाद समाजवादी पार्टी बनेगी समाप्तवादी पार्टी : केशव मौर्य
उपमुख्यमंत्री ने कहा कि हमने कोई भेद-भाव नहीं किया। उन्होंने कहा अखिलेश यादव के घर पर कमल खिला, चाचा के यहां कमल खिला और इस बार तो मैनपुरी और करहल में भी कमल खिलने वाला है। केवल दस मार्च को वोटों की गिनती बाकी है। उन्होंने कहा कि सपा चार सौ सीट का दावा कर रही है, लेकिन मैं कह रहा हूं कि इस बार अर्धशतक भी नहीं लगा पायेंगे। उन्होंने कहा कि किसी भ्रम में मत रहना साइकिल का कहीं कोई अता-पता नहीं है।
कहा कि वर्ष 2022 का चुनाव आने वाली दस पीढ़ियों के सुरक्षा और विकास की गारंटी है। प्रदेश भाजपा सुशासन की प्रतीक है तो सपा कुशासन की प्रतीक है। अगर समाजवादी पार्टी से गुंडे और माफियाओं को निकाल दें तो क्या समाजवादी पार्टी बचेगी। उन्होंने कहा कि समाजवादी पार्टी मात्र अपराधियों, माफिया, दंगाईओं की फैक्ट्री बन कर रह गयी है।